नागौर।कलक्ट्रेट के सामने खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में धरना दे रहे किसानों की मांगें सरकार ने 41 दिन बाद मान ली। मंगलवार को कलक्टर डॉ. वीना प्रधान व विधायक बेनीवाल के बीच किसानों की मांगों को लेकर वार्ताओं के कई दौर चले।
रात करीब साढ़े आठ बजे सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए मांगें मानने का आश्वासन दिया। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कलक्टर प्रधान व एसपी लक्ष्मण गौड़ सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों को इसकी जानकारी दी।
इससे पहले किसानों ने अपनी मांगों को कम करते हुए पांच सूत्री ज्ञापन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम कलक्टर को सौंपा। किसानों की मांगों पर कलक्टर से लम्बी बातचीत होने के बाद सरकार ने रास्ता निकालते हुए किसानों की मांगें मानने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने विधायक हनुमान बेनीवाल के जयकारे लगाते हुए आंदोलन को सफल बताया। बाद में विधायक ने आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की।
ये थी पांच प्रमुख मांगें
कृषि कनेक्शनों को नियमित करने के लिए डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर 2004 से पहले खुदे ट्यूबवैल व कुओं पर लगे हुए कनेक्शनों को नियमित किया जाए। इसमें किसान द्वारा दिए गए शपथ पत्र को आधार मानकर कमेटी में जनप्रतिनिधि को शामिल किया जाए।
ऎसे ट्यूबवैल व कुएं जहां 2004-05 से आज तक कृषि कनेक्शन तो एक हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण किसान ने दूसरा कनेक्शन खुदवा लिया है और उसको चलाने के लिए किसान ने सिक्योरिटी राशि भरकर लोड बढ़वा लिया है, ऎसे कनेक्शनों को ए व बी मानकर नियमित किया जाए।
चेजा पत्थर (चिनाई पत्थर) वाले इलाकों में सरकारी भूमि व खातेदारी भूमि पर गरीब लोग पत्थर निकालकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, उनको क्वारी लाइसेंस जारी किए जाएं। यदि सरकार खनिज नीति में बिना बदलाव लॉटरी से हो रही खनिज लीजों का आवंटन करना चाहती है तो सरकारी भूमि में लॉटरी से उन गांव व उस ग्राम पंचायत के लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
लाइम स्टोन वाले इलाकों में सरकार ने सीमेंट कम्पनियों के लिए 3 ब्लॉक रिजर्व कर रखे हैं उसमें से एक ब्लॉक ताडावास (ब्लॉक 4) को अप्रधान खनिज के लिए लोगों को खजिन पट्टे देने के लिए खोला जाए।
लाइन स्टोन के तीन ब्लॉक के अलावा खींवसर, नागौर व मूण्डवा तथा मेड़ता में जो इलाके सीमेंट कम्पनियों के लिए आरक्षित नहीं कर रखे हैं उनको उपप्रधान खनन पट्टों के लिए खोल दिया जाए।
परीक्षण करवाएंगे
ट्यूबवैल एवं माइनिंग के प्रकरणों को कमेटी के माध्यम से जांच करवाकर नियमानुसार सही पाए जाने वाले प्रकरणों को राज्य सरकार के पास भेजेंगे।
डॉ. वीना प्रधान, कलक्टर, नागौर।
किसानों की जीत
सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है। ये किसानों की जीत है। 41 दिन का समय किसानों के लिए संकट भरा था, लेकिन उन्होंने कड़ाके की सर्दी में भी शांतिपूर्वक धरना देकर अपनी मांगें रखी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जीत मिली है।
हनुमान बेनीवाल, विधायक, खींवसर
रात करीब साढ़े आठ बजे सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए मांगें मानने का आश्वासन दिया। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कलक्टर प्रधान व एसपी लक्ष्मण गौड़ सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों को इसकी जानकारी दी।
इससे पहले किसानों ने अपनी मांगों को कम करते हुए पांच सूत्री ज्ञापन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम कलक्टर को सौंपा। किसानों की मांगों पर कलक्टर से लम्बी बातचीत होने के बाद सरकार ने रास्ता निकालते हुए किसानों की मांगें मानने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने विधायक हनुमान बेनीवाल के जयकारे लगाते हुए आंदोलन को सफल बताया। बाद में विधायक ने आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की।
ये थी पांच प्रमुख मांगें
कृषि कनेक्शनों को नियमित करने के लिए डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर 2004 से पहले खुदे ट्यूबवैल व कुओं पर लगे हुए कनेक्शनों को नियमित किया जाए। इसमें किसान द्वारा दिए गए शपथ पत्र को आधार मानकर कमेटी में जनप्रतिनिधि को शामिल किया जाए।
ऎसे ट्यूबवैल व कुएं जहां 2004-05 से आज तक कृषि कनेक्शन तो एक हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण किसान ने दूसरा कनेक्शन खुदवा लिया है और उसको चलाने के लिए किसान ने सिक्योरिटी राशि भरकर लोड बढ़वा लिया है, ऎसे कनेक्शनों को ए व बी मानकर नियमित किया जाए।
चेजा पत्थर (चिनाई पत्थर) वाले इलाकों में सरकारी भूमि व खातेदारी भूमि पर गरीब लोग पत्थर निकालकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, उनको क्वारी लाइसेंस जारी किए जाएं। यदि सरकार खनिज नीति में बिना बदलाव लॉटरी से हो रही खनिज लीजों का आवंटन करना चाहती है तो सरकारी भूमि में लॉटरी से उन गांव व उस ग्राम पंचायत के लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
लाइम स्टोन वाले इलाकों में सरकार ने सीमेंट कम्पनियों के लिए 3 ब्लॉक रिजर्व कर रखे हैं उसमें से एक ब्लॉक ताडावास (ब्लॉक 4) को अप्रधान खनिज के लिए लोगों को खजिन पट्टे देने के लिए खोला जाए।
लाइन स्टोन के तीन ब्लॉक के अलावा खींवसर, नागौर व मूण्डवा तथा मेड़ता में जो इलाके सीमेंट कम्पनियों के लिए आरक्षित नहीं कर रखे हैं उनको उपप्रधान खनन पट्टों के लिए खोल दिया जाए।
परीक्षण करवाएंगे
ट्यूबवैल एवं माइनिंग के प्रकरणों को कमेटी के माध्यम से जांच करवाकर नियमानुसार सही पाए जाने वाले प्रकरणों को राज्य सरकार के पास भेजेंगे।
डॉ. वीना प्रधान, कलक्टर, नागौर।
किसानों की जीत
सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है। ये किसानों की जीत है। 41 दिन का समय किसानों के लिए संकट भरा था, लेकिन उन्होंने कड़ाके की सर्दी में भी शांतिपूर्वक धरना देकर अपनी मांगें रखी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जीत मिली है।
हनुमान बेनीवाल, विधायक, खींवसर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें