जयपुर। भाजपा ने जयपुर शहर, नागौर, भीलवाड़ा, अजमेर और जालोर-सिरोही के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से लोकसभा प्रत्याशी चुनने के लिए रायशुमारी की। जयपुर शहर लोकसभा सीट के लिए सबसे अधिक दावेदार सामने आए हैं। दावेदार पर्ची में अपना नाम लिखवाने के लिए पिछले दो-तीन दिनों से लॉबिंग में जुटे हुए थे।
बैठकों में प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी भूपेन्द्र यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कार्यकर्ताओं से संवाद किया। बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी मौजूद नहीं थे। दोनों नेताओं ने पदाधिकारियों को मिशन-25 को सफल बनाने की हिदायत दी। पदाधिकारियों को यह भी विश्वास दिलाया कि प्रत्याशी चयन उनकी राय से ही होगा, लेकिन पार्टी जिसे भी उतारे, सभी को उसके साथ एकजुटता दिखानी होगी।
साथ ही रथ चलाने, एक नोट-एक वोट अभियान को सफल बनाने समेत अन्य अभियानों पर भी चर्चा हुई। जयपुर शहर लोकसभा की बैठक में सबसे ज्यादा 200 से अधिक पदाधिकारी, विधायक मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक लॉबिंग करने वाले नेताओं ने अपने विश्वास के पदाधिकारियों से पहले क्रम पर खुद का ही नाम लिखवाया। दो प्रमुख दावेदारों को लेकर विधायकों में भी धड़ेबंदी दिखी। एक प्रदेश पदाधिकारी के पक्ष में तीन विधायकों ने धड़ेबंदी की।
जालोर के कार्यकर्ता बिन बुलाए पहुंचे
जालोर-सिरोही की बैठक में वो कार्यकर्ता भी पहुंच गए, जिन्हें बुलाया नहीं गया था। मामला सामने आने के बाद गुप्त मतदान के समय नाम पुकारकर तीन-तीन नाम लिखवाए गए। युवा मोर्चा ने वहां चार महामंत्री बना रखे थे। इस पर प्रदेश पदाधिकारियों ने दो से ही गुप्त मतदान करवाया। बैठक में 157 कार्यकर्ता मौजूद रहे। भीलवाड़ा की बैठक में दो नाम डमी लिखने की सूचना है।
विधायकों को ना, फिर भी लॉबिंग
भाजपा ने करीब-करीब यह तय कर ही लिया है कि विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी भी यह आधिकारिक तौर पर मीडिया में बोल चुके हैं, लेकिन फीडबैक बैठकों में कई विधायक भी सांसद टिकट की दौड़ में दिखे। जयपुर से घनश्याम तिवाड़ी, राजपाल सिंह, मोहन लाल गुप्ता के नाम दावेदारी में विशेष रूप से चर्चा में रहे।
एक चुनाव में ही करें दावेदारी
जयपुर शहर के एक पदाधिकारी ने सुझाव दिया कि यदि कोई दावेदार सांसद के लिए दावेदारी कर रहा है तो उसे आगामी नगरीय निकाय चुनावों में दावेदारी का अवसर नहीं दिया जाए। एक ही व्यक्ति बार-बार दावेदारी करता है तो अन्य को मौका नहीं मिल पाता।
यह प्रमुख दावेदार
जयपुर
घनश्याम तिवाड़ी, मोहन लाल गुप्ता, रामचरण बोहरा, राजपाल सिंह, मनीष पारीक , शैलेन्द्र भार्गव, सुमन शर्मा, अखिल शुक्ला, प्रणवेन्द्र शर्मा, सुनील कोठारी, अशोक लाहोटी, राघव शर्मा, कान्ता प्रसाद शर्मा, नीता खेतान
भीलवाड़ा
सुभाष बहेडिया, राज्यसभा सांसद वीपी सिंह, विटल शंकर अवस्थी, पूर्व जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, रतनलाल जाट, लक्ष्मीनारायण डाड, सुशील नुवाल।
जालोर-सिरोही
सांसद देवजी पटेल, मुकेश मोदी, रतनसिंह तूरा, राज. के. पुरोहित, जीवाराम चौधरी, अरूण परसरामपुरिया, नन्दा डगला, मंगल सिंह, बबूता राम सोलंकी, लाल सिंह।
नागौर
डॉ.अशोक चौधरी, माधोराम चौधरी, बिंदु चौधरी, सी.आर. चौधरी, हरीश कुमावत, उषा पूनिया, नन्द किशोर ढाका, सलावत खां, श्याम काबरा।
अजमेर
रासा सिंह रावत, धर्मेन्द्र गहलोत, भंवर सिंह पलाड़ा, सी.आर.चौधरी, भगवती प्रसाद सास्वत, पुखराज पहाडिया, रितु चौहान, भागीरथ चौधरी, नीरज जैन।
बैठकों में प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी भूपेन्द्र यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कार्यकर्ताओं से संवाद किया। बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी मौजूद नहीं थे। दोनों नेताओं ने पदाधिकारियों को मिशन-25 को सफल बनाने की हिदायत दी। पदाधिकारियों को यह भी विश्वास दिलाया कि प्रत्याशी चयन उनकी राय से ही होगा, लेकिन पार्टी जिसे भी उतारे, सभी को उसके साथ एकजुटता दिखानी होगी।
साथ ही रथ चलाने, एक नोट-एक वोट अभियान को सफल बनाने समेत अन्य अभियानों पर भी चर्चा हुई। जयपुर शहर लोकसभा की बैठक में सबसे ज्यादा 200 से अधिक पदाधिकारी, विधायक मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक लॉबिंग करने वाले नेताओं ने अपने विश्वास के पदाधिकारियों से पहले क्रम पर खुद का ही नाम लिखवाया। दो प्रमुख दावेदारों को लेकर विधायकों में भी धड़ेबंदी दिखी। एक प्रदेश पदाधिकारी के पक्ष में तीन विधायकों ने धड़ेबंदी की।
जालोर के कार्यकर्ता बिन बुलाए पहुंचे
जालोर-सिरोही की बैठक में वो कार्यकर्ता भी पहुंच गए, जिन्हें बुलाया नहीं गया था। मामला सामने आने के बाद गुप्त मतदान के समय नाम पुकारकर तीन-तीन नाम लिखवाए गए। युवा मोर्चा ने वहां चार महामंत्री बना रखे थे। इस पर प्रदेश पदाधिकारियों ने दो से ही गुप्त मतदान करवाया। बैठक में 157 कार्यकर्ता मौजूद रहे। भीलवाड़ा की बैठक में दो नाम डमी लिखने की सूचना है।
विधायकों को ना, फिर भी लॉबिंग
भाजपा ने करीब-करीब यह तय कर ही लिया है कि विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी भी यह आधिकारिक तौर पर मीडिया में बोल चुके हैं, लेकिन फीडबैक बैठकों में कई विधायक भी सांसद टिकट की दौड़ में दिखे। जयपुर से घनश्याम तिवाड़ी, राजपाल सिंह, मोहन लाल गुप्ता के नाम दावेदारी में विशेष रूप से चर्चा में रहे।
एक चुनाव में ही करें दावेदारी
जयपुर शहर के एक पदाधिकारी ने सुझाव दिया कि यदि कोई दावेदार सांसद के लिए दावेदारी कर रहा है तो उसे आगामी नगरीय निकाय चुनावों में दावेदारी का अवसर नहीं दिया जाए। एक ही व्यक्ति बार-बार दावेदारी करता है तो अन्य को मौका नहीं मिल पाता।
यह प्रमुख दावेदार
जयपुर
घनश्याम तिवाड़ी, मोहन लाल गुप्ता, रामचरण बोहरा, राजपाल सिंह, मनीष पारीक , शैलेन्द्र भार्गव, सुमन शर्मा, अखिल शुक्ला, प्रणवेन्द्र शर्मा, सुनील कोठारी, अशोक लाहोटी, राघव शर्मा, कान्ता प्रसाद शर्मा, नीता खेतान
भीलवाड़ा
सुभाष बहेडिया, राज्यसभा सांसद वीपी सिंह, विटल शंकर अवस्थी, पूर्व जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, रतनलाल जाट, लक्ष्मीनारायण डाड, सुशील नुवाल।
जालोर-सिरोही
सांसद देवजी पटेल, मुकेश मोदी, रतनसिंह तूरा, राज. के. पुरोहित, जीवाराम चौधरी, अरूण परसरामपुरिया, नन्दा डगला, मंगल सिंह, बबूता राम सोलंकी, लाल सिंह।
नागौर
डॉ.अशोक चौधरी, माधोराम चौधरी, बिंदु चौधरी, सी.आर. चौधरी, हरीश कुमावत, उषा पूनिया, नन्द किशोर ढाका, सलावत खां, श्याम काबरा।
अजमेर
रासा सिंह रावत, धर्मेन्द्र गहलोत, भंवर सिंह पलाड़ा, सी.आर.चौधरी, भगवती प्रसाद सास्वत, पुखराज पहाडिया, रितु चौहान, भागीरथ चौधरी, नीरज जैन।
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