मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

ऊंट को राज्य धरोहर का दर्जा देने की तैयारी



साभार अरविंद सिंह शक्तावत/

जयपुर। रेगिस्तान के जहाज ऊंट को राज्य की धरोहर का दर्जा देने की तैयारी की जा रही है। धरोहर घोषित होने के बाद ऊंट का वध करने वाले को कम से कम एक साल की सजा भुगतनी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों ही ऊंटों की तेजी से घटती संख्या पर गहरी चिंता जताते हुए इनके संरक्षण के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसके साथ ही सरकार ऊंट की प्रदेश से बाहर निकासी पर भी प्रतिबंध लगाने जा रही है।

राज्य सरकार ऊंट को राजकीय धरोहर घोषित कर इसके "लोगो" अर्थात प्रतीक चिन्ह का प्रमुख विभागों, संस्थाओं, राजकीय उपक्रमों एवं प्रचार-प्रसार सामग्रियों में इस्तेमाल करेगी।

वर्तमान में सिर्फ राजस्थान पर्यटन विकास निगम ही अपने "लोगो" में ऊंट के चित्र का उपयोग कर रहा है। ऊंट को राज्य, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और उसके संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता फैलाने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है।

मुख्यमंत्री ऊंटों की घटती संख्या को लेकर खासी चिंतित हैं। उनके निर्देश के बाद ऊंट को राजकीय धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। ऊंट को बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। प्रभुलाल सैनी, कृषि एवं पशुपालन मंत्री

राज्य में ऊंट
1983 -- 7.56 लाख
2007-- 4.22 लाख
2014-- 02 लाख से कम होने की आशंका

ये कदम उठाए जाएंगे
सभी जिलों में ऊंट, ऊंट टोलों, ऊंट पालकों का पंजीकरण होगा। स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से ऊंट पालक सहकारी समितियों का गठन होगा।
अलग से प्रजनन नीति लागू की जाएगी। इससे ऊंटों की नस्लों में सुधार और दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
चराई के लिए ऊंटों को राज्य से बाहर जाने से रोकने के लिए गोचर भूमियों का विकास होगा, वन क्षेत्र में भी एक सीमित क्षेत्र में चराई की अनुमति के प्रयास होंगे।
कैमल सफारी को बढ़ावा देने के लिए ऊंट पालकों को पर्यटन विभाग से जोड़ा जाएगा। ऊंट की बीमा राशि को बढ़ाया जाएगा।

ऊंट वध पर जेल
पशुपालन विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके मुताबिक, कोई ऊंट का वध करता है, तो कम से कम एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सरकार राजस्थान ऊंष्टवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थाई प्रजनन या निर्यात का विनियमन ) अधिनियम 2014 बनाने जा रही है। यह प्रस्ताव एक-दो दिन में विधि विभाग को भिजवाया जाएगा।

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