गया. बिहार में एक और जज पर लड़की के मामले में गाज गिरी है। लड़की और पैसे मांगने के आरोप में निलंबित किए गए शेरघाटी (गया) के सब डिवीजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) राम सज्जन पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। मंगलवार को हाईकोर्ट की फुल कोर्ट की बैठक हो सकती है। इसमें एसडीजेएम राम सज्जन की बर्खास्तगी का फैसला हो सकता है।
गया के जिला जज ने रविवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से शेरघाटी एसडीजेएम का चार्ज लेने का निर्देश दिया है। राम सज्जन को पटना के व्यवहार न्यायालय में रिपोर्ट करने को कहा है।
क्यों और कैसे हुई कार्रवाई?
शेरघाटी अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. आरपी सिंह ने एसडीजेएम पर आरोप लगाया था कि वे अस्पताल की नर्सें भेजने के लिए दबाव बनाते हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच गया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपी। जांच रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को हुई हाईकोर्ट की स्टैंडिंग काउंसिल की बैठक में एसडीजेएम को सस्पेंड करने का फैसला हुआ।
क्या कहते हैं एसडीजेएम?
एसडीजेएम राम सज्जन ने अपने ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद बताए। कहा- मैंने एक मामले में आरपी सिंह के खिलाफ संज्ञान लिया था, इसीलिए उन्होंने ऐसे आरोप लगाए थे।
किस मामले में लिया था संज्ञान?
वर्ष 2010 में रेफरल अस्पताल में ममता कार्यकर्ता की भर्ती हुई थी। भर्ती में भेदभाव करने के आरोप में 13 फरवरी 2013 को डॉ. आरपी सिंह के खिलाफ एक महिला ने केस दर्ज कराया था। एसडीजेएम राम सज्जन ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन 20 जून 2013 को इस मामले में संज्ञान लिया था।
डॉक्टर का आरोप
डॉ. आरपी सिंह ने 20 दिसंबर 2013 को हाईकोर्ट में दिए आवेदन में आरोप लगाया था कि एसडीजेएम राम सज्जन 31, अगस्त 2013 को अस्पताल में आए। मेरे साथ और डॉक्टर भी थे। उन्होंने हमसे अस्पताल में काम करने वाली नर्सों के बारे में पूछा और कहा कि कुछ को मेरे आवास पर भी भेजे दीजिए। मैं अकेले रहता हूं। मैंने इनकार किया तो एसडीजेएम जेल भेजने की धमकी देते हैं। वे एक वकील से बार-बार कहलवाते हैं कि पैसे दो और लड़की भेजो तो आपके खिलाफ दर्ज केस खत्म कर देंगे।
एसडीजेएम ने भी करवाया केस
15 फरवरी 2014 को एसडीजेएम राम सज्जन ने आमस थाने में केस दर्ज कराया कि डॉक्टर ने मेरे आवास आकर मुझे जान से मारने की धमकी दी। उनके साथ चार लोग थे। मेरे खिलाफ जातिसूचक शब्द कहे।
बिहार में हाल के दिनों में इस तरह के मामले में जज पर कार्रवाई का यह दूसरा बड़ा मामला है। हाल ही में नेपाल में लड़कियों के साथ पकड़े जाने के मामले में तीन जजों पर कार्रवाई हुई थी।
गया के जिला जज ने रविवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से शेरघाटी एसडीजेएम का चार्ज लेने का निर्देश दिया है। राम सज्जन को पटना के व्यवहार न्यायालय में रिपोर्ट करने को कहा है।
क्यों और कैसे हुई कार्रवाई?
शेरघाटी अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. आरपी सिंह ने एसडीजेएम पर आरोप लगाया था कि वे अस्पताल की नर्सें भेजने के लिए दबाव बनाते हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच गया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपी। जांच रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को हुई हाईकोर्ट की स्टैंडिंग काउंसिल की बैठक में एसडीजेएम को सस्पेंड करने का फैसला हुआ।
क्या कहते हैं एसडीजेएम?
एसडीजेएम राम सज्जन ने अपने ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद बताए। कहा- मैंने एक मामले में आरपी सिंह के खिलाफ संज्ञान लिया था, इसीलिए उन्होंने ऐसे आरोप लगाए थे।
किस मामले में लिया था संज्ञान?
वर्ष 2010 में रेफरल अस्पताल में ममता कार्यकर्ता की भर्ती हुई थी। भर्ती में भेदभाव करने के आरोप में 13 फरवरी 2013 को डॉ. आरपी सिंह के खिलाफ एक महिला ने केस दर्ज कराया था। एसडीजेएम राम सज्जन ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन 20 जून 2013 को इस मामले में संज्ञान लिया था।
डॉक्टर का आरोप
डॉ. आरपी सिंह ने 20 दिसंबर 2013 को हाईकोर्ट में दिए आवेदन में आरोप लगाया था कि एसडीजेएम राम सज्जन 31, अगस्त 2013 को अस्पताल में आए। मेरे साथ और डॉक्टर भी थे। उन्होंने हमसे अस्पताल में काम करने वाली नर्सों के बारे में पूछा और कहा कि कुछ को मेरे आवास पर भी भेजे दीजिए। मैं अकेले रहता हूं। मैंने इनकार किया तो एसडीजेएम जेल भेजने की धमकी देते हैं। वे एक वकील से बार-बार कहलवाते हैं कि पैसे दो और लड़की भेजो तो आपके खिलाफ दर्ज केस खत्म कर देंगे।
एसडीजेएम ने भी करवाया केस
15 फरवरी 2014 को एसडीजेएम राम सज्जन ने आमस थाने में केस दर्ज कराया कि डॉक्टर ने मेरे आवास आकर मुझे जान से मारने की धमकी दी। उनके साथ चार लोग थे। मेरे खिलाफ जातिसूचक शब्द कहे।
बिहार में हाल के दिनों में इस तरह के मामले में जज पर कार्रवाई का यह दूसरा बड़ा मामला है। हाल ही में नेपाल में लड़कियों के साथ पकड़े जाने के मामले में तीन जजों पर कार्रवाई हुई थी।
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