गुरुवार, 9 जनवरी 2014

जल है तो ही कल है : डाक्टर विश्नोई

जल है तो ही कल है : डाक्टर विश्नोई
जल चेतना प्रदर्शनियो का आयोजन , विधार्थियो को दी जल बचने की सीख
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बाड़मेर "जल बचाने के लिए आमजनमानस को स्वयं विचार करना होगा. क्योंकि जल है तो कल है. हमें स्वयं इस बात पर गौर करना होगा कि रोजाना बिना सोचे समझे हम कितना पानी उपयोग में लाते हैं. आज गुजरता हर दिन पानी बचाने के संकल्प का दिन. पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का अब समय आ गया है . हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें. बारिश की एक-एक बूँद कीमती है. इन्हें सहेजना बहुत ही आवश्यक है. यदि अभी पानी नहीं सहेजा गया, तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा" यह कहना है वेटेनरी डाक्टर डाक्टर मनोहर विश्नोई का।उन्होंने यह बात सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा आयोजित जल चेतना पोष्टर प्रदर्शनी में कही।सीसीडीयू के आईईसी कंसल्टेंट अशोकसिंह राजपुरोहित ने बताया की गुरुवार की रोज जालिपा गाव स्थित जयनारायण व्यास फार्मेसी एवं इंजीयनरीग कॉलेज और बाड़मेर शहर स्थित केम्ब्रिज वेटेनरी कॉलेज में जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। पोस्टर पर अंकित जल चेतना की बातो को विधार्थियो को बताते हुए इन्वेस्ट मित्रा के एम् डी अरविंद खत्री ने कहा कि पानी के बिना हमारा जीवित रहना असंभव है। हमें इस कुदरत की अनमोल देन को हमेशा के लिए खत्म होने से बचाना है। बिना खाए इन्सान कुछ हफ्ते जिंदा रह सकता है, मगर पानी के बिना कुछ दिन भी जीवित नहीं रह सकता।इंजे आलावा विधार्थियो को जमील अहमद गोरी , व्यख्याता राजूसिंह परमार छोटू सिंह , ,प्रवीण चौधरी , जय खत्री , हितेश जोड़ी , निलेश शर्मा , तरुण खत्री , नितिन शर्मा ,सुमित वासू , तजा राम , विनोद सोनी , पंकज खंडेलवाल ने भी जल चेतना पर सम्बोधन दिया।

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