नई दिल्ली दिल्ली में 5 दिन पुरानी अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। विश्वास मत के पक्ष में 37 वोट पड़े वहीं विरोध में सिर्फ 32 वोट पड़े। इसके पहले अरविंद केजरीवाल ने विश्वास मत पर चर्चा के दौरान सदन में जोरदार भाषण दिया। उन्होंने अपने की शुरुआत में ही कहा कि जो ईमानदार है वह आम आदमी है और जो बेईमान है वह खास है। साथ ही उन्होंने कहा क आज आम आदमी भ्रष्ट्राचार से दुखी है। हम उसे भ्रष्टाचार शासन दें यह हमारी बड़ी उपलब्धि होगी। इसके पहले सरकार की ओर से शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत पेश किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वास प्रस्ताव चर्चा के दौरान सबसे अंत में अपना जवाब दिया। केजरीवाल के इस भाषण को हम ऐतिहासिक भी कह सकते हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी सहित अधिकतर राजनीतिक पार्टियां रेहड़ी लगाने वालों, ठेला चलाने वालों, मजदूरों को आम आदमी मानती है। लेकिन, मैं समझता हूं कि ईमानदार व्यवस्था चाहने वाला हर शख्स आम आदमी है। जो बेईमान हैं वही खास हैं।
सदन में केजरीवाल ने कहा कि आज आम आदमी भ्रष्ट्राचार से दुखी है। इसी को लेकर हमने रामलीला मैदान में अन्ना के नेतृत्व में अनशन किया। धरना दिया। प्रदर्शन किया। लेकिन, नेताओं ने हमारी नहीं सुनी। नेताओं ने हमसे कहा व्यवस्था में बदलाव चाहते हो तो चुनाव लड़ो और कानून बनाओ। इसलिए हम चुनाव में उतरे। आम आदमी चुनाव में उतरा। इसमें कोई फेमस आदमी नहीं है। हर चेहरा कल तक अनजान था।
उन्होंने कहा, 'नेताओं ने आम आदमी की ताकत को नहीं पहचाना... क्योंकि इस देश का आम आदमी हल जोतता है, नेता नहीं। इस देश का आम आदमी कपड़े बनाता है, नेता नहीं। इस देश का आम आदमी चांद पर जाता है, नेता नहीं।' केजरीवाल ने कहा, 'नेताओं ने आम आदमी को चुनौती दी। बदलाव चाहते हो तो, खुद चुनाव लड़ो। जैसा चाहते हो अपना कानून बनाओ इसलिए हमने चुनाव लड़ा। आम आदमी ने चुनाव लड़ा और जीता भी। हम भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं। आम आदमी भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता है। अब देखना यह है कि आम आदमी की इस लड़ाई में कौन-कौन साथ देता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वास प्रस्ताव चर्चा के दौरान सबसे अंत में अपना जवाब दिया। केजरीवाल के इस भाषण को हम ऐतिहासिक भी कह सकते हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी सहित अधिकतर राजनीतिक पार्टियां रेहड़ी लगाने वालों, ठेला चलाने वालों, मजदूरों को आम आदमी मानती है। लेकिन, मैं समझता हूं कि ईमानदार व्यवस्था चाहने वाला हर शख्स आम आदमी है। जो बेईमान हैं वही खास हैं।
सदन में केजरीवाल ने कहा कि आज आम आदमी भ्रष्ट्राचार से दुखी है। इसी को लेकर हमने रामलीला मैदान में अन्ना के नेतृत्व में अनशन किया। धरना दिया। प्रदर्शन किया। लेकिन, नेताओं ने हमारी नहीं सुनी। नेताओं ने हमसे कहा व्यवस्था में बदलाव चाहते हो तो चुनाव लड़ो और कानून बनाओ। इसलिए हम चुनाव में उतरे। आम आदमी चुनाव में उतरा। इसमें कोई फेमस आदमी नहीं है। हर चेहरा कल तक अनजान था।
उन्होंने कहा, 'नेताओं ने आम आदमी की ताकत को नहीं पहचाना... क्योंकि इस देश का आम आदमी हल जोतता है, नेता नहीं। इस देश का आम आदमी कपड़े बनाता है, नेता नहीं। इस देश का आम आदमी चांद पर जाता है, नेता नहीं।' केजरीवाल ने कहा, 'नेताओं ने आम आदमी को चुनौती दी। बदलाव चाहते हो तो, खुद चुनाव लड़ो। जैसा चाहते हो अपना कानून बनाओ इसलिए हमने चुनाव लड़ा। आम आदमी ने चुनाव लड़ा और जीता भी। हम भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं। आम आदमी भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता है। अब देखना यह है कि आम आदमी की इस लड़ाई में कौन-कौन साथ देता है।
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