नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की सरकार खतरे में है क्योंकि ऎसी खबरें हैं कि सत्तारूढ़ संयुक्त दलों की सरकार में शामिल कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पार्टियों के बीच काफी दरारें आ चुकीं हैं ।
इस वजह से जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के इस्तीफा देने की भी अटकलें लगाई जा रहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस टकराव की मुख्य वजह कांग्रेस द्वारा उमर अब्दुल्लाह के उस निर्णय का विरोध किया जाना बताई जा रही है जिसके मुताबिक सरकार इस साल प्रस्तावित आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में 700 प्रशासनिक युनिटों को बनाएगी।
इस एक निर्णय की गर्मी ने दोनों पार्टियों को एक दूसरे का कट्टर विरोधी बनाकर टकराव की राह पर डाल दिया है।
दूरियां कितनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस टकराव को खत्म करने के उद्देश्य से पार्टी हाई कमान द्वारा की गई मीटिंग के भी कोई नतीजे नहीं निकले हैं।
मालूम हो कि इस मीटिंग को अंबिका सोनी जो कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी जनरल सेक्रटरी हैं व राज्य की इंचार्ज हैं के अलावा राज्य के पीसीसी चीफ सैफुद्दीन सोज व केंद्रीय मंत्री गुलाब नबी आजाद और उमर अब्दुल्लाह ने अटेंड किया था।
इस वजह से जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के इस्तीफा देने की भी अटकलें लगाई जा रहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस टकराव की मुख्य वजह कांग्रेस द्वारा उमर अब्दुल्लाह के उस निर्णय का विरोध किया जाना बताई जा रही है जिसके मुताबिक सरकार इस साल प्रस्तावित आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में 700 प्रशासनिक युनिटों को बनाएगी।
इस एक निर्णय की गर्मी ने दोनों पार्टियों को एक दूसरे का कट्टर विरोधी बनाकर टकराव की राह पर डाल दिया है।
दूरियां कितनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस टकराव को खत्म करने के उद्देश्य से पार्टी हाई कमान द्वारा की गई मीटिंग के भी कोई नतीजे नहीं निकले हैं।
मालूम हो कि इस मीटिंग को अंबिका सोनी जो कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी जनरल सेक्रटरी हैं व राज्य की इंचार्ज हैं के अलावा राज्य के पीसीसी चीफ सैफुद्दीन सोज व केंद्रीय मंत्री गुलाब नबी आजाद और उमर अब्दुल्लाह ने अटेंड किया था।
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