नाज़ी तानाशाह अडॉल्फ हिटलर की मौत 1945 में नहीं बल्कि 1984 में हुई थी? एक नई किताब में दावा किया गया है कि हिटलर ने 1945 में बर्लिन में सूइसाइड नहीं किया था, बल्कि वह साउथ अमेरिका भाग गया था जहां 95 साल की उम्र में उसकी मौत हुई थी।
इतिहास की सबसे चर्चित और विवादित पर्सनैलिटीज़ में से एक अडॉल्फ हिटलर के बारे में यही माना जाता है कि उसने 1945 में दूसरे वर्ल्ड वॉर की हार के बाद सूइसाइड कर लिया था। लेकिन अब दावा किया गया है कि दरअसल हिटलर वहां से बच निकला था। एक नई किताब में दावा किया गया है कि हिटलर बर्लिन के अपने बंकर से भाग कर अर्जेंटीना चला गया था और बाद में उसकी मौत 1984 में 95 साल की उम्र में हुई।
इस किताब के लेखक का कहना है कि हिटलर पहले अर्जेंटीना पहुंचा और फिर वहां से पराग्वे गया। बाद में अडॉल्फ ब्राजील के माटो ग्रोसो राज्य में रहने लगा। लेखक का यह दावा है कि ब्राजील में हिटलर एक खजाने की खोज में लगा था जिसका नक्शा उसे वेटिकन के उसके साथियों ने दिया था। किताब में यह भी दावा किया गया है कि किसी को शक न हो इसलिए हिटलर एक अश्वेत महिला कटिंगा के साथ रहने लगा। पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट सिमोनी रेनी गुरेरो डियास ने अपनी किताब 'हिटलर इन ब्राजील-हिज लाइफ ऐंड हिज डेथ' में यह थिअरी सामने रखी है।
इस किताब में सिमोनी ने दावा किया है कि राज्य की राजधानी कूयाबा से 30 मील दूर एक छोटे से शहर में हिटलर अडॉल्फ लिपजिग के नाम से रह रहा था। सिमोनी कूयाबा की ही रहने वाली हैं। उन्होंने कहा है कि अडॉल्फ लिपजिग को स्थानीय लोग 'ओल्ड जर्मन' के नाम से जानते थे।
सिमोनी अब इस्राइल में रहने वाले हिटलर के एक रिश्तेदार का डीएनए टेस्ट कराने की योजना बना रही हैं। इतना ही नहीं, सिमोनी की लिव्रामेंटो नोसा सेनोरा में स्थित एक कब्र से अडॉल्फ लिपजिग के अवशेषों को भी निकालने की योजना है जिसकी अनुमति वह ले चुकी हैं। गौरतलब है कि अडॉल्फ के अवशेषों की जांच से सिमोनी के दावे की पुष्टि की जाएगी।
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