सोमवार, 27 जनवरी 2014

शिवपुराण के मतानुसार इन महाविद्याओं से सिद्धियों एवं मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है

शिवपुराण के मतानुसार भगवान शिव शंकर के दस अवतारों में आदशक्ति मां दुर्गा समस्त अवतारों में उनके साथ अवतरित हुई थी। दस महाविद्यायों के नाम से जानी जानें वाली महामाया मां जगत् जननी दुर्गा के ये दस रूप तांत्रिकों एवं उपासकों की आराधना का अभिन्न अंग हैं। इन महाविद्याओं के माध्यम से उपासक को बहुत सी सिद्धियों एवं मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा एवं भगवान शिव शंकर के दस अवतार इस प्रकार हैं-
1 भगवान शिव शंकर के महाकाल अवतार के समय देवी महाकाली के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

2 भगवान शिव शंकर के तारकेश्वर अवतार के समय देवी तारा के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

3 भगवान शिव शंकर के भुवनेश अवतार के समय देवी भुवनेश्वरी के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

4 भगवान शिव शंकर के षोडश अवतार के समय देवी षोडशी के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

5 भगवान शिव शंकर के भैरव अवतार के समय देवी जगदम्बा भैरवी के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

6 भगवान शिव शंकर के छिन्नमस्तक अवतार के समय देवी छिन्नमस्ता के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

7 भगवान शिव शंकर के ध्रूमवान अवतार के समय धूमावती के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

8 भगवान शिव शंकर के बगलामुखी अवतार के समय देवी जगदम्बा बगलामुखी रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

9 भगवान शिव शंकर के मातंग अवतार के समय देवी मातंगी के रूप में उनके साथ अवतरित हुई।

10 भगवान शिव शंकर के कमल अवतार के समय कमला के रूप में देवी उनके साथ अवतरित हुई।

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