रविवार, 1 दिसंबर 2013

दो औरतों के बीच कोर्ट ने बांटा घर, जमीन और पति

खंडवा(मध्य प्रदेश)
लोक अदालत से आए एक अनोखे फैसले में 'पति और पत्नी' के साथ अब 'वो' भी घर में रह सकेगी। खंडवा में हुई लोक अदालत ने समझौते के आधार पर मकान, खेत और पति को भी दो औरतों के बीच बराबर के हक के साथ बांट दिया है।
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शांति नाम की महिला ने दो साल पहले अपने पति बसंत माहूलाल के खिलाफ लोक अदालत में शिकायत की थी कि उसने लगभग 10 साल से उसके अलावा एक दूसरी महिला रामकुमारी से लिव-इन रिलेशनशिप में है और उसे घर में ही रख लिया है। मामला परिवार परामर्श केंद्र में भी गया, लेकिन वहां कोई हल नहीं निकल सका। लोक अदालत के स्पेशल जज जस्टिस गंगाचरण दुबे ने इसकी जांच कराई।

जांच रिपोर्ट में घरेलू हिंसा होना पाया गया। तब पति बसंत और लिव-इन रिलेशनशिप पार्टनर रामकुमारी को नोटिस जारी हुआ। महिला का पति बिजली विभाग में लाइनमैन है। उसने लोक अदालत में कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप अदालत की नजर में भी पाप नहीं है इसलिए हमारी शर्तों पर भी ध्यान दिया जाए। लोक अदालत के जस्टिस दुबे ने तीनों पक्षों की आपसी सहमति के बाद उक्त समझौता कराया।इस फैसले में सबसे अनोखी बात तो यह है कि एक कमरे में पति रहेगा, जो घर के बीच में है। वहीं, उसके दूसरी ओर के एक कमरे में पत्नी और दूसरे कमरे में 'वो' रहेगी। पति के कमरे का दरवाजा दोनों औरतों के कमरे की ओर पंद्रह-पंद्रह दिन के लिए खुलेगा।

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