नई दिल्ली। हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों मे मिली करारी हार और महंगाई को नियंत्रण नहीं कर पाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह आम चुनावों से पांच महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं ताकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जा सके। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने संबंधी बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नए साल की शुरूआत में इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। वे अगले साल तीन जनवरी को संभावित संवाददाता सम्मेलन में तीसरे कार्यालय के लिए अपना नाम वापस ले सकते हैं, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वे चुनावो से पहले अपना पद त्याग देंगे। वे इस दौरान इस्तीफे की भी घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हालांकि पार्टी अभी पूरी तरह से यह तय नहीं कर पाई है कि मनमोहन सिंह से इस्तीफा लेना चाहिए या नहीं। बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और सरकार के कई फैसलो से लोगों में खासा गुस्सा है।
कांगे्रस उपाध्यक्ष सरकार के कई फैसलों को पलट चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी कह चुके हैं की पार्टी को चुनावो से पहले अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। पार्टी के नेताओं का मानना है कि सरकार के प्रति लोगों मे जो गुस्सा है, उसके चलते मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए दोबारा सत्ता में नहीं लौट सकता।
राहुल गांधी को चुनावों से पहले प्रधानमंत्री बनाने के मुद्दे पर पार्टी के क धड़े का मानना है कि अगर पार्टी उपाध्यक्ष को मनमोहन सिंह की जगह कुर्सी पर बैठाया जाता है तो इससे सरकारी विरोधी छवी को सुधारने में मदद मिलेगी, साथ ही युवा मतदाता पार्टी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
राहुल गांधी को चुनावों से महज चंद महीने पहले प्रधानमंत्री बनाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर पार्टी के एक नेता ने कहा था कि ऎसा करने से चार राज्यों में मिली करारी हार, महंगाई और भ्रष्टाचार से हतोत्साहित पार्टी को "नई जिंदगी" मिल जाएगी और साथ ही देशभर में कार्यकताआ जोश से भर उठेंगे। कार्यकता पार्टी को चुनावों मे जीत दिलाने के लिए और मेहनत करेंगे ताकि डॉक्टर मनमोहन सिंह सहित कोई और इस पद पर काबिज नहीं हो सके।
नेता ने बताया कि दूसरा फायदा यह होगा की नेतृत्व मामला हमेशा के लिए सुलझ जाएगा। अगर हम चुनाव हार भी जाएंगे तो पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर राहुल पार्टी के सुप्रीम नेता रहेंगे।
हालांकि, पार्टी के एक धड़े का कहना है कि चुनावो से पहले राहुल को चुनावो से पहले प्रधानमंत्री बनाना फायदेमंद साबित नहीं होगा।
इन कारणों की वजह से मनमोहन दे सकते हैं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अगले साल की शुरूआत मे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, जिन कारणों से मनमोहन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं वे हैं-भ्रष्टाचार, महंगाई, पांच मे से चार राज्यो के विधानसभा चुनावो मे मिली करारी हार और सरकार द्वारा लिए गए अलोकप्रिया फैसले जिनकी वजह से लोगों के बीच सरकार की काफी किरकिरी हुई।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नए साल की शुरूआत में इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। वे अगले साल तीन जनवरी को संभावित संवाददाता सम्मेलन में तीसरे कार्यालय के लिए अपना नाम वापस ले सकते हैं, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वे चुनावो से पहले अपना पद त्याग देंगे। वे इस दौरान इस्तीफे की भी घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हालांकि पार्टी अभी पूरी तरह से यह तय नहीं कर पाई है कि मनमोहन सिंह से इस्तीफा लेना चाहिए या नहीं। बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और सरकार के कई फैसलो से लोगों में खासा गुस्सा है।
कांगे्रस उपाध्यक्ष सरकार के कई फैसलों को पलट चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी कह चुके हैं की पार्टी को चुनावो से पहले अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। पार्टी के नेताओं का मानना है कि सरकार के प्रति लोगों मे जो गुस्सा है, उसके चलते मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए दोबारा सत्ता में नहीं लौट सकता।
राहुल गांधी को चुनावों से पहले प्रधानमंत्री बनाने के मुद्दे पर पार्टी के क धड़े का मानना है कि अगर पार्टी उपाध्यक्ष को मनमोहन सिंह की जगह कुर्सी पर बैठाया जाता है तो इससे सरकारी विरोधी छवी को सुधारने में मदद मिलेगी, साथ ही युवा मतदाता पार्टी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
राहुल गांधी को चुनावों से महज चंद महीने पहले प्रधानमंत्री बनाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर पार्टी के एक नेता ने कहा था कि ऎसा करने से चार राज्यों में मिली करारी हार, महंगाई और भ्रष्टाचार से हतोत्साहित पार्टी को "नई जिंदगी" मिल जाएगी और साथ ही देशभर में कार्यकताआ जोश से भर उठेंगे। कार्यकता पार्टी को चुनावों मे जीत दिलाने के लिए और मेहनत करेंगे ताकि डॉक्टर मनमोहन सिंह सहित कोई और इस पद पर काबिज नहीं हो सके।
नेता ने बताया कि दूसरा फायदा यह होगा की नेतृत्व मामला हमेशा के लिए सुलझ जाएगा। अगर हम चुनाव हार भी जाएंगे तो पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर राहुल पार्टी के सुप्रीम नेता रहेंगे।
हालांकि, पार्टी के एक धड़े का कहना है कि चुनावो से पहले राहुल को चुनावो से पहले प्रधानमंत्री बनाना फायदेमंद साबित नहीं होगा।
इन कारणों की वजह से मनमोहन दे सकते हैं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अगले साल की शुरूआत मे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, जिन कारणों से मनमोहन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं वे हैं-भ्रष्टाचार, महंगाई, पांच मे से चार राज्यो के विधानसभा चुनावो मे मिली करारी हार और सरकार द्वारा लिए गए अलोकप्रिया फैसले जिनकी वजह से लोगों के बीच सरकार की काफी किरकिरी हुई।
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