इंदौर। महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, न घर में न बाहर। राजेंद्र नगर में जहां गुंडे ने महिला की आबरू लूटी, वहीं पीपल्याकुमार में तो दामाद ने ही अस्मत पर हाथ डाल दिया। लोक लाज के भय से परिवारवालों ने भी महिला को ही दबाया। पति के घर लौटने के बाद महिला ने जब उसे घटना की जानकारी दी तो दोनों ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
घटना 20 दिसंबर की है। पीपल्याकुमार कांकड़ में ही रहने वाले अभिमन्यू पिता भुवनेश्वर की शादी वहीं रहने वाले एक परिवार में हुई थी। पीडिता उसकी काकी सास है। इन नाते उसका पीडिता के घर भी आना-जाना था। घटना वाले दिन भी वह पीडिता के घर गया, जिसे उसने सामान्य रूप से ही लिया।
महिला का पति ट्रक चलता है और लंबी ट्रिप पर बाहर गया था। उसके दोनों बच्चे सो रहे थे। अभिमन्यू ने मौके का फायदा उठाकर पीडिता के साथ जबर्दस्ती करना शुरू कर दिया। पीडिता ने उसका विरोध किया, लेकिन वह मनमानी करके ही माना।
उसके जाने के बाद रोती-बिलखती महिला अपनी जेठानी के पास गई और उसे पूरे मामले की जानकारी दी। जेठानी ने बदनामी का डर दिखाकर उसे ही मुंह बंद रखने की नसीहत दी।
पीडिता उस समय तो खामोश रही। उसका पति 29 दिसंबर को घर लौटा तो उसने पति को सब कुछ बता दिया। पति ने उसका साथ दिया और उसे लेकर थाना लसूडिया पहुंचा। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपी फरार हो गया।
घटना 20 दिसंबर की है। पीपल्याकुमार कांकड़ में ही रहने वाले अभिमन्यू पिता भुवनेश्वर की शादी वहीं रहने वाले एक परिवार में हुई थी। पीडिता उसकी काकी सास है। इन नाते उसका पीडिता के घर भी आना-जाना था। घटना वाले दिन भी वह पीडिता के घर गया, जिसे उसने सामान्य रूप से ही लिया।
महिला का पति ट्रक चलता है और लंबी ट्रिप पर बाहर गया था। उसके दोनों बच्चे सो रहे थे। अभिमन्यू ने मौके का फायदा उठाकर पीडिता के साथ जबर्दस्ती करना शुरू कर दिया। पीडिता ने उसका विरोध किया, लेकिन वह मनमानी करके ही माना।
उसके जाने के बाद रोती-बिलखती महिला अपनी जेठानी के पास गई और उसे पूरे मामले की जानकारी दी। जेठानी ने बदनामी का डर दिखाकर उसे ही मुंह बंद रखने की नसीहत दी।
पीडिता उस समय तो खामोश रही। उसका पति 29 दिसंबर को घर लौटा तो उसने पति को सब कुछ बता दिया। पति ने उसका साथ दिया और उसे लेकर थाना लसूडिया पहुंचा। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपी फरार हो गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें