शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

आयकर रिफंड वाउचर से उठा लिए 11 लाख रुपए मां, भाई और दोस्तों के खातों में जमा

आयकर रिफंड वाउचर से उठा लिए 11 लाख रुपए मां, भाई और दोस्तों के खातों में जमा 



जैसलमेर लोगों की आय पर निगरानी रखने वाले कार्यालय में ही फर्जी तरीके से 11 लाख रुपए उठाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

इसे अंजाम देने वाला और कोई नहीं कार्यालय में ही ठेके पर लगा कंप्यूटरकर्मी निकला। आयकर विभाग के अधिकारियों को जैसे ही इसका पता लगा उन्होंने मामले की पड़ताल कर संविदाकर्मी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया और पुलिस ने संविदाकर्मी नटवर खत्री को हिरासत में भी ले लिया।




संविदाकर्मी नटवर खत्री आयकर विभाग में पिछले चार साल से काम कर रहा है। इस दौरान पूर्व में अग्रिम कर जमा करवाने वालों को वाउचर से भुगतान किया जाता था और पिछले एक डेढ़ साल से यह सिस्टम ऑनलाइन हो गया और वाउचर से भुगतान होना बंद हो गया। संविदाकर्मी को भी इसकी जानकारी थी। उसने आयकर अधिकारी की अलमारी में रखे वाउचर चुरा लिए और धीरे-धीरे एक- एक वाउचर बैंक में जमा करवाकर फर्जी तरीके से भुगतान उठाता गया। करीब 48 वाउचर उसने जमा करवाए और 11 लाख रुपए उठा लिए।

यह है मामला

संविदा पर लगे कर्मचारी ने फर्जी तरीके से किया गबन


दिसंबर माह में संविदाकर्मी ने जो वाउचर जमा करवाया उस पर उसने गलत पेन कार्ड नंबर लिख दिए। बैंककर्मी का ध्यान उस पर चला गया और उसने आयकर अधिकारी को फोन पर बताया कि पेन नंबर गलत आए हैं। आयकर अधिकारी को जैसे ही इसका पता चला उनके समझ में पूरा माजरा आ गया। उन्हें पता था कि वाउचर से रिफंड होना तो बंद हो गया है तो किसने वाउचर जमा करवाया है।



:संविदा कर्मी ने नवंबर 2011 में फर्जी तरीके से 24 हजार रुपए पहली बार उठाए थे। उसके बाद धीरे धीरे उसने 48 वाउचर जमा करवाकर 11 लाख रुपए उठा लिए। क्या इन दो सालों में आयकर अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
: आयकर विभाग द्वारा वाउचर से रिफंड करना बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन रिफंड प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में क्या बैंक कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं थी, यदि थी तो मामला उजागर क्यों नहीं हुआ।




जानकारी के अनुसार आयकर विभाग द्वारा एक डेढ़ साल पहले तक वाउचर से रिफंड किया जाता था। जिसे रिफंड किया जाना है उसके नाम का वाउचर तैयार किया जाकर बैंक में जमा करवा दिया जाता और वाउचर में अंकित राशि उस व्यक्ति के खाते में जमा हो जाती। संविदाकर्मी ने इस मामले में ऐसा ही किया। आयकर अधिकारी की अलमारी से चुराए गए वाउचर अपनी मां, भाई और दोस्तों के नाम हर महीने जमा करवा देता और बैंक से उनके खातों में राशि ट्रांसफर हो जाती।



॥आयकर विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि उनके जैसलमेर कार्यालय में संविदाकर्मी ने करीब 11 लाख रुपए फर्जी तरीके से उठा लिए। इस संबंध में संविदाकर्मी को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। मामले का अनुसंधान चल रहा है।
धन्ना राम, जांच अधिकारी, पुलिस कोतवाली जैसलमेर

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