जयपुर। रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गुरूवार को हुई चुनाव सभा में जनता ने प्रधानमंत्री को सुनने में कम ही रूचि दिखाई।
पहले ही पूरा मैदान नहीं भर पाया था और बाद में स्थिति यह रही कि प्रधानमंत्री का भाषण शुरू होते ही लोगों ने जाना शुरू कर दिया। उनका भाषण समाप्त होने तक करीब आधे लोग जा चुके थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण तक लोग जमे रहे। मुख्यमंत्री का भाषण भी गौर से लोगों ने सुना। एक-दो बार जनता ने तालियां भी बजाई। लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री भाषण के लिए मंच पर आए। वैसे ही जनता ने जाना शुरू कर दिया। वे करीब 21 मिनट बोले।
शहर कांग्रेस का भीड़ मैनेजमेंट फिर फेल
प्रधानमंत्री की दो माह में जयपुर में हुई दूसरी सभा में भी शहर कांग्रेस का भीड़ मैनेजमेंट फेल साबित हुआ। चांदपोल पुलिस लाइन में सितम्बर में हुए सभा आधा पांडाल खाली रहा था। कुछ ऎसी ही स्थिति गुरूवार को रामलीला मैदान में दिखी।
हालांकि यहां भीड़ पिछली सभा से ज्यादा रही। सूत्रों के मुताबिक सभा स्थल पर करीब चार से पांच हजार कुर्सियां लगाई गई थी। अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए थे। लेकिन ऎसा कोई ब्लॉक नहीं था, जो पूरा भर गया हो। कुछ ब्लॉक एक चौथाई खाली दिख रहे थे।
राहगीरों को कार्ड बांट भरा सभा स्थल
सभा के लिए कांगे्रस ने बकायदा कार्ड छपवाए थे और इसी से सभा स्थल में प्रवेश दिया जा रहा था। सभा प्रारम्भ होने से एक घंटे पहले तक रामलीला मैदान में करीब आधी कुर्सियां खाली थीं।
इसे भरने के लिए सभा स्थल के मुख्य द्वार पर खड़े कांग्रेस कार्यकर्ता राहगीरों को सभा के कार्ड बांटते नजर आए। मंच से भी बार-बार यह अपील करनी पड़ी कि बाहर खड़े लोगों को रोका न जाए।
उम्मीदवारों के लगे नारे...
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभा स्थल पर भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सांसद महेश जोशी, लालचंद कटारिया, महापौर ज्योति खण्डेलवाल व शहर अध्यक्ष के अलावा उम्मीदवारों को सौंपी गई थी। ऎसे में सभा स्थल पर कई उम्मीदवारों के समर्थक तो उम्मीदवारों के नाम व फोटो लगी टोपी पहनकर ही पहुंच गए।
समर्थकों ने प्रधानमंत्री के आने से पहले प्रताप सिंह खाचरियावास, माहिर आजाद, अमीन कागजी के नारे भी लगाए। मंच संचालन कर रहे सांसद महेश जोशी को बार-बार कहना पड़ा कि एकजुटता दिखएं और सिर्फ कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाएं।
पहले ही पूरा मैदान नहीं भर पाया था और बाद में स्थिति यह रही कि प्रधानमंत्री का भाषण शुरू होते ही लोगों ने जाना शुरू कर दिया। उनका भाषण समाप्त होने तक करीब आधे लोग जा चुके थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण तक लोग जमे रहे। मुख्यमंत्री का भाषण भी गौर से लोगों ने सुना। एक-दो बार जनता ने तालियां भी बजाई। लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री भाषण के लिए मंच पर आए। वैसे ही जनता ने जाना शुरू कर दिया। वे करीब 21 मिनट बोले।
शहर कांग्रेस का भीड़ मैनेजमेंट फिर फेल
प्रधानमंत्री की दो माह में जयपुर में हुई दूसरी सभा में भी शहर कांग्रेस का भीड़ मैनेजमेंट फेल साबित हुआ। चांदपोल पुलिस लाइन में सितम्बर में हुए सभा आधा पांडाल खाली रहा था। कुछ ऎसी ही स्थिति गुरूवार को रामलीला मैदान में दिखी।
हालांकि यहां भीड़ पिछली सभा से ज्यादा रही। सूत्रों के मुताबिक सभा स्थल पर करीब चार से पांच हजार कुर्सियां लगाई गई थी। अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए थे। लेकिन ऎसा कोई ब्लॉक नहीं था, जो पूरा भर गया हो। कुछ ब्लॉक एक चौथाई खाली दिख रहे थे।
राहगीरों को कार्ड बांट भरा सभा स्थल
सभा के लिए कांगे्रस ने बकायदा कार्ड छपवाए थे और इसी से सभा स्थल में प्रवेश दिया जा रहा था। सभा प्रारम्भ होने से एक घंटे पहले तक रामलीला मैदान में करीब आधी कुर्सियां खाली थीं।
इसे भरने के लिए सभा स्थल के मुख्य द्वार पर खड़े कांग्रेस कार्यकर्ता राहगीरों को सभा के कार्ड बांटते नजर आए। मंच से भी बार-बार यह अपील करनी पड़ी कि बाहर खड़े लोगों को रोका न जाए।
उम्मीदवारों के लगे नारे...
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभा स्थल पर भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सांसद महेश जोशी, लालचंद कटारिया, महापौर ज्योति खण्डेलवाल व शहर अध्यक्ष के अलावा उम्मीदवारों को सौंपी गई थी। ऎसे में सभा स्थल पर कई उम्मीदवारों के समर्थक तो उम्मीदवारों के नाम व फोटो लगी टोपी पहनकर ही पहुंच गए।
समर्थकों ने प्रधानमंत्री के आने से पहले प्रताप सिंह खाचरियावास, माहिर आजाद, अमीन कागजी के नारे भी लगाए। मंच संचालन कर रहे सांसद महेश जोशी को बार-बार कहना पड़ा कि एकजुटता दिखएं और सिर्फ कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाएं।
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