शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

पचपदरा : वही चेहरे, वही पुराने मुद्दे इस बार दोनों के सामने यह है चुनौतियां



पचपदरा : वही चेहरे, वही पुराने मुद्दे इस बार दोनों के सामने यह है चुनौतियां

  बालोतरा  विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अमराराम चौधरी भारतीय जनता पार्टी से जहां चौथी बार व कुल आठवीं बार इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मदन प्रजापत कांग्रेस से दूसरी बार व कुल तीसरी बार इस सीट से चुनाव मैदान में है। गत विधानसभा चुनाव में भी दोनों प्रतिद्धंदी आमने-सामने थे।
दोनों प्रत्याशी लोकल समस्याओं की जड़ से वाकिफ हैं। समस्याएं भी वहीं पुरानी जस की तस बनी हुई। हालांकि कुछेक समस्याओं का आंशिक समाधान जरूर हुआ है। भास्कर ने पचपदरा विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं और आगामी विकास की योजनाओं को लेकर पड़ताल की तो ढाक के तीन पात वाली स्थिति सामने आई।




बालोतरा को जिला कोई न बनवा सका

बालोतरा को जिला बनाने का मुद्दा बनाकर दोनों प्रत्याशी पिछली बार चुनाव लड़ चुके हैं और आज भी उनके भाषणों में यह मुद्दा सुना जा सकता है। न तो मौजूदा विधायक मदन प्रजापत बालोतरा को जिला बना सके और न ही पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी शहरवासियों की इस सबसे बड़ी मांग को पूरा कर सके।

अस्पताल में अत्याधुनिक व्यवस्थाएं नहीं

जिले का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बालोतरा में है, जिसमें अत्याधुनिक व्यवस्थाओं की पूरी कमी है। न डॉक्टरों की संख्या पूरी है और न ही वो पर्याप्त सुविधाएं है जो उपखंड स्तरीय अस्पताल में होती है। इस समस्या की मार शहरवासियों के साथ उपखंड के ग्रामीण अंचल के लोग कई वर्षों से झेल रहे हैं। इतने वर्षों में आबादी रफ्तार के हिसाब से अस्पताल की व्यवस्थाओं में न तो सुधार हुआ और न ही डॉक्टरों की कमी की समस्या का समाधान हो पाया। आज भी अस्पताल पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजन पर्याप्त इलाज नहीं मिलने की पीड़ा भुगत रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी के चलते आज भी अस्पताल की स्थिति वहीं पुरानी है। ट्रोमा सेंटर तक यहां नहीं खुल पाया। 

मीठे पेयजल की समस्या 
लंबे अरसे से शहरवासी फ्लोराइडयुक्त खारा जल पीने को मजबूर है। इसी समस्या को निपटाने का वायदा कर पिछले चुनाव में उतरे थे मौजूदा विधायक, लेकिन समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। हालांकि एक पेयजल परियोजना की लिंक योजना के तहत नागाणा से पाइप लाइन बिछाकर बालोतरा लाई गई है, लेकिन अपर्याप्त पानी मिलने से शहरवासी इसे अस्थाई समाधान ही बता रहे हैं। मौजूदा विधायक (कांग्रेस प्रत्याशी) मीठा पानी शहरवासियों को पीला कर अपने वायदे को बखूबी निभाने की बात कर रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी, जो 20 साल तक लगातार विधायक रहे। जिनका भी हर बार चुनाव लडऩे में यह एक अहम मुद्दा था, लेकिन 20 सालों में वो यह काम नहीं करा पाए। 

नहीं बना रेलवे ओवरब्रिज 

शहर की यह एक जटिल समस्या है। रेलवे फाटक बंद होते ही शहर दो भागों में बंट जाता है। आवागमन के सभी रास्ते बंद। यातायात व्यवस्था सुधारने व शहर के सौंदर्यीकरण के लिए इसकी बेहद जरूरत है, लेकिन शहरवासियों की इस समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया। हालांकि मौजूदा विधायक के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव 2013 में आचार-संहिता लागू होने से थोड़े दिन ही पूर्व आनन-फानन में ओवरब्रिज का शिलान्यास किया गया, लेकिन अभी तक यह अधरझूल में ही अटका पड़ा है। निर्माण कार्य शुरू नहीं होने की स्थिति में इसका निर्माण भविष्य की बात है। 

मदन प्रजापत : भाजपा छोड़ी तो दिन बदले 

इधर कांग्रेस प्रत्याशी मदन प्रजापत भाजपा का दामन छोड़कर वर्ष 2003 में बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और हार गए, मगर अच्छे वोट आने को आधार बनाकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इसके बाद वर्ष 2008 में कांग्रेस ने प्रजापत को टिकट दिया और वे चुनाव जीते। अब फिर चौधरी व प्रजापत आमने सामने है। 
सपने नहीं दिखाता 

समाज के सभी वर्ग को साथ लेकर चलता हूं। मैं सपने नहीं दिखाता। व्यावहारिक धरातल पर काम करता हूं। पिछले 40 से राजनीति में हूं। अभी तक कोई कलंक नहीं लगने दिया। इस बार मीठे पानी, किसानों को भरपूर बिजली, ओवरब्रिज निर्माण, अस्पतालों में सुविधाएं, बेरोजगारी मिटाने के प्रयास आदि मुद्दे हैं, जिनके समाधान का विश्वास दिलाता हूं। 

अमराराम : कांग्रेस की टिकट पर दो बार हारे 

भाजपा प्रत्याशी अमराराम चौधरी ने पहली बार वर्ष 1980 में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1985 व 1990 में दो बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और दोनों बार हार गए। फिर वर्ष 1993 में कांग्रेस से टिकट कट गया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर भाजपा में शामिल हुए। कर ली। इसके बाद वर्ष 1998 व 2003 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते। गत चुनावों 2008 में चौधरी कांग्रेस प्रत्याशी मदन प्रजापत से चुनाव हार गए। 

सबका दुख-दर्द बांटता हूं 

हर वर्ग, हर तबके के लोगों के सुख-दुख दर्द में शरीक होकर उनके दर्द बांटता हूं। हमेशा यह उद्देश्य रहा है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहे। इस बार मेरे मुद्दों में बालोतरा को जिला बनाना, मीठा नहरी पानी हम लाएं है, इसको घर-घर तक पहुंचाना, पूरी बिजली, ओवरब्रिज का शिलान्यास कर दिया इसे शीघ्र पूरा करवाना, उद्योग बढ़ा वे के लिए प्रयास करना प्रमुख है। 

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