पटना सीरियल ब्लास्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पकड़े गए संदिग्ध शख्स ने खुलासा किया है कि मुजफ्फरनगर दंगे का बदला लेने के लिए ये धमाके किए गए थे. इन सात धमाकों में 6 लोगों की मौत हुई जबकि 80 घायल हुए. एसएसपी ने बताया है कि आतंकी तीन टीमों में आए थे. उन्होंने ये भी बताया है कि रैली में भगदड़ मचाना इन धमाकों का मकसद हो सकता है.
कुकर बम, ओसामा की फोटो बरामद
पटना में धमाकों के 2 संदिग्ध इम्तेयाज और तारीक को हिरासत में लिया गया है. इनकी निशानदेही पर कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है. बिहार और झारखंड के कई इलाकों से धमाकों के सुराग तलाशने की कोशिश की जा रही है. इस बीच पटना में पकड़े इम्तेयाज के रांची स्थित घर पर भी छापा मारा गया. इस छापेमारी में एक प्रेशर कुकर बम और हथियार भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा ओसामा बिन लादेन की एक तस्वीर, जिहादी साहित्य और ऐसी ही सीडी भी मिली है.
इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन पर शक
धमाकों के पीछे कौन मास्टरमांइड था? सूत्रों के मुताबिक पटना धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन अख़्तर नाम के एक आतंकी का दिमाग था. बताया जा रहा है कि तहसीन ने ही बम मुहैया कराए थे. तहसीन इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक यासीन भटकल का करीबी है और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम है. शक है कि इसी ने धमाका करने के लिए लड़कों को भेजा था. सूत्रों के मुतबिक इसी महीने इम्तियाज और तहसीन की मुलाकात हुई थी.
बम में आधे किलो विस्फोटक का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक हर बम में करीब आधे किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. टाइमर के लिए टेबल घड़ी का इस्तेमाल हुआ. जांच में ये बात भी उजागर हुई है कि बोध गया और पटना सीरियल ब्लास्ट का मॉडल एक जैसा था. दोनों में विस्फोटक और टाइमर के इस्तेमाल में समानता दिखती है.
झारखंड पुलिस के मुताबिक रांची में रची गई साजिश
रांची पुलिस की अबतक की तहकीकात के मुताबिक इन्डियन मुजाहिदीन के रांची माड्यूल ने पूरी साजिश को अंजाम दिया है. इसके लिए बाकायदा कई महीनों से प्लानिंग की जा रही थी. झारखंड पुलिस के अनुसार रांची के सीठियो बस्ती के एक घर में ब्लास्ट का मास्टर प्लान तैयार किया गया था. यहां रहनेवाले चार संदिग्धों के साथ यासीन भटकल का साथी और मास्टर माइंड तहसीन ने मिलकर पूरी वारदात के ब्लू प्रिंट तैयार किया था
देशभर में अलर्ट
धमाकों के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है. बताया जा रहा है कि दहशतगर्द त्योहारों के मौसम का फायदा उठा सकते हैं. गृहमंत्रालय ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर चाक चौबंद सुरक्षा के निर्देश दिए है.
केंद्र की तीन टीमें पटना में
ब्लास्ट की जांच के लिए केन्द्र सरकार की तीन टीमें पटना में मौजूद है. एनआईए बमों की साजिश के तार खंगालने में जुटा है. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे खुद मामल पर नजर रखे हुए है. उनका कहना है कि वो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में है.
चार जिंदा बम बरामद
बिहार के डीजीपी अभयानंद का कहना है कि पटना में 7 लो पावर आईडी बलास्ट हुए थे जबकि 4 जिंदा बम बरामद किए गए है. जिन्हें सुरक्षा बलों ने मौके पर ही डिफ्यूज किया. इन सब बमों में टाइमर लगाया मिला है.
घायलों से मिले नीतीश
पटना में सीरियल ब्लास्ट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार देर शाम घर से निकले पहले वो गांधी मैदान में उस जगह पर गए जहां धमाके हुए. मौके का मुआयना करने के बाद नीतीश कुमार यहां के पीएमसीएच अस्पताल गए और यहां भर्ती घायलों से मुलाकात की. ब्लास्ट में 80 से ज्यादा लोग घायल हुए है.
धमाकों पर सियासत
धमाकों पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रैली में हुए धमाकों को लेकर नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी रैली में लचर सुरक्षा व्यवस्था का आरोप लगाया है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और रांची से सांसद सुबोध कांत सहाय बीजेपी और मोदी पर आरोप लगा दिया है कि उन्होने हीरो बनने के लिए खुद धमाके कराए है.
सुरक्षा में लापरवाही का आरोप
एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि यह खुफिया विभाग की नाकामी है. केंद्र और राज्य सरकार के खुफिया एजेंसी को नहीं थी कोई सूचना. साफ है कि यह एक आतंकी हमला था. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि रैली के दौरान सुरक्षा में लापरवाही बरती गई.
5-5 लाख रुपये की सहायता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धमाके के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका से इंकार किया है. उन्होंने रैली की सुरक्षा में किसी तरह की कोताही बरते जाने से इनकार किया है. और धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है.
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