फर्जी आईपीएस अधिकारी पकड़ा
बीकानेर। कभी आईपीएस, सीआईडी-सीबी तो कभी एसीबी का अधिकारी बताकर धौंस जमाने और ऊंचे रसूखात दिखाकर लोगों से ठगी करने वाले एक युवक को जिला पुलिस ने पकड़ा है। आरोपी के पास से 15 डेबिट कार्ड व सीबीआई, एसीबी व सीआईएसएफ के फर्जी आई कार्ड मिले हैं। जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा के निर्देश पर सीओ सदर प्रेमदान पिछले पांच दिनों से फर्जी आईपीएस पर नजर रखे हुए थे। गुरूवार को आरोपी पुलिस के जाल में फंस गया और डूंगर कॉलेज के पास एक मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया। मोटरसाइकिल यहां के एक प्रतिष्ठित आईसक्रीम व्यापारी की है।
सीओ सदर प्रेमदान ने बताया कि झुंझुनूं निवासी विक्रमसिंह पुत्र जयसिंह राठौड़ (23) पिछले काफी समय से बीकानेर में रह रहा है। वर्तमान में यह सार्दुलगंज में किराए के मकान में रहा रहा था। उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के 15 क्रेडिट कार्ड, वीजा कार्ड, तीन मोबाइल, एक चेक बुक, एसीबीआई के इंस्पेक्टर व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सब-इंस्पेक्टर का पहचान पत्र मिला है। बीकानेर शहर में पिछले कई दिनों से करीब दो दर्जन से अधिक लेागों को फर्जी आईपीएस होने की जानकारी इसने दी और सीआईडी-सीबी में किसी भी तरह का काम करवाने का लोगों को झूठा झांसा दे रहा था।
यू फांसता था
विक्रम जब किसी से मिलता तो उन्हें वर्ष-2010 के बैंच का सीबीआई, सीआईएसएफ तो कभी एसीबी का अधिकारी बताता। आरोपी की रेलवे में टिकट बनाने वालों से सांठगांठ थी, जिनमें मिलकर वह कोलकता जाने वाले रसूखात व धनाढ्य व्यक्ति के साथ अपनी टिकट बनवा लेता और सफर करता था। सफर के दौरान आरोपी अपने को आईपीएस अधिकारी व रसूखात वाला बताकर जान-पहचान बढ़ाता और उन्हें किसी भी मुश्किल में साथ देने का भरोसा दिलाता। गत एक महीने पहले आरोपी कोलकाता जाने वाली ट्रेन में रवाना हुआ। सफर के दौरान इसने नथमल नामक व्यापारी से जान-पहचान बढ़ाई।
कोलकाता पहुंचने पर उसने नथमल से पर्स खोने का बहाना बनाकर 50 हजार रूपए ले लिए। नथमल ने बीकानेर अपने परिचितों को फोन कर इसके बारे में तस्दीक कराई। तस्दीक में जो जानकारी मिली उससे उसके होश उड़ गए। इसकी शिकायत पुलिस को की गई। पुलिस पांच दिन से अपने गुप्तचर के माध्यम से इसके पीछे लगी थी। विक्रम ने बीकानेर के सहीराम से को भी आरोपी ने एसीबी का अधिकारी बताते हुए दो लाख रूपए की मांग की। गुरूवार को सहीराम ने दो लाख रूपए आरोपी को दे दिए। आरोपी से रूपए लेकर अपने मकान में रख आया। बाद में यह शहर के प्रतिष्ठिन आईसक्रीम पार्लर के संचालक की मोटरसाइकिल लेकर डूंगर कॉलेज के पास आया जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व में भी दो बार पकड़ा गया आरोपी
फर्जी आईपीएस विक्रम सिंह पूर्व में भी ठगी करते दो बार पकड़ा जा चुका हैं। सात माह पूर्व में यह कोलकाता के दुर्गापुर में चार मोबाइल, एक 9 एमएम की रिवाल्वर, चार मोबाइल सिम, सब-इंसपेक्टर की थ्री और टू स्टार की वर्दी के साथ पकड़ा गया था। इस पर उसके खिलाफ 9 एमएम की रिवाल्वर रखने व जानलेवा धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। यह सीआईएसएफ में कांस्टेबल था। फर्जी मामले में पकडे जाने पर बर्खास्त कर दिया गया। इससे पूर्व वह हल्दिया में तैनात था, वहां पर भी विक्रम ने फर्जी अधिकारी बन कर कई लोगों को ठगा था।
बीकानेर। कभी आईपीएस, सीआईडी-सीबी तो कभी एसीबी का अधिकारी बताकर धौंस जमाने और ऊंचे रसूखात दिखाकर लोगों से ठगी करने वाले एक युवक को जिला पुलिस ने पकड़ा है। आरोपी के पास से 15 डेबिट कार्ड व सीबीआई, एसीबी व सीआईएसएफ के फर्जी आई कार्ड मिले हैं। जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा के निर्देश पर सीओ सदर प्रेमदान पिछले पांच दिनों से फर्जी आईपीएस पर नजर रखे हुए थे। गुरूवार को आरोपी पुलिस के जाल में फंस गया और डूंगर कॉलेज के पास एक मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया। मोटरसाइकिल यहां के एक प्रतिष्ठित आईसक्रीम व्यापारी की है।
सीओ सदर प्रेमदान ने बताया कि झुंझुनूं निवासी विक्रमसिंह पुत्र जयसिंह राठौड़ (23) पिछले काफी समय से बीकानेर में रह रहा है। वर्तमान में यह सार्दुलगंज में किराए के मकान में रहा रहा था। उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के 15 क्रेडिट कार्ड, वीजा कार्ड, तीन मोबाइल, एक चेक बुक, एसीबीआई के इंस्पेक्टर व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सब-इंस्पेक्टर का पहचान पत्र मिला है। बीकानेर शहर में पिछले कई दिनों से करीब दो दर्जन से अधिक लेागों को फर्जी आईपीएस होने की जानकारी इसने दी और सीआईडी-सीबी में किसी भी तरह का काम करवाने का लोगों को झूठा झांसा दे रहा था।
यू फांसता था
विक्रम जब किसी से मिलता तो उन्हें वर्ष-2010 के बैंच का सीबीआई, सीआईएसएफ तो कभी एसीबी का अधिकारी बताता। आरोपी की रेलवे में टिकट बनाने वालों से सांठगांठ थी, जिनमें मिलकर वह कोलकता जाने वाले रसूखात व धनाढ्य व्यक्ति के साथ अपनी टिकट बनवा लेता और सफर करता था। सफर के दौरान आरोपी अपने को आईपीएस अधिकारी व रसूखात वाला बताकर जान-पहचान बढ़ाता और उन्हें किसी भी मुश्किल में साथ देने का भरोसा दिलाता। गत एक महीने पहले आरोपी कोलकाता जाने वाली ट्रेन में रवाना हुआ। सफर के दौरान इसने नथमल नामक व्यापारी से जान-पहचान बढ़ाई।
कोलकाता पहुंचने पर उसने नथमल से पर्स खोने का बहाना बनाकर 50 हजार रूपए ले लिए। नथमल ने बीकानेर अपने परिचितों को फोन कर इसके बारे में तस्दीक कराई। तस्दीक में जो जानकारी मिली उससे उसके होश उड़ गए। इसकी शिकायत पुलिस को की गई। पुलिस पांच दिन से अपने गुप्तचर के माध्यम से इसके पीछे लगी थी। विक्रम ने बीकानेर के सहीराम से को भी आरोपी ने एसीबी का अधिकारी बताते हुए दो लाख रूपए की मांग की। गुरूवार को सहीराम ने दो लाख रूपए आरोपी को दे दिए। आरोपी से रूपए लेकर अपने मकान में रख आया। बाद में यह शहर के प्रतिष्ठिन आईसक्रीम पार्लर के संचालक की मोटरसाइकिल लेकर डूंगर कॉलेज के पास आया जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व में भी दो बार पकड़ा गया आरोपी
फर्जी आईपीएस विक्रम सिंह पूर्व में भी ठगी करते दो बार पकड़ा जा चुका हैं। सात माह पूर्व में यह कोलकाता के दुर्गापुर में चार मोबाइल, एक 9 एमएम की रिवाल्वर, चार मोबाइल सिम, सब-इंसपेक्टर की थ्री और टू स्टार की वर्दी के साथ पकड़ा गया था। इस पर उसके खिलाफ 9 एमएम की रिवाल्वर रखने व जानलेवा धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। यह सीआईएसएफ में कांस्टेबल था। फर्जी मामले में पकडे जाने पर बर्खास्त कर दिया गया। इससे पूर्व वह हल्दिया में तैनात था, वहां पर भी विक्रम ने फर्जी अधिकारी बन कर कई लोगों को ठगा था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें