बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

वसंत कुंज में वृद्धाश्रम बंद होने से बुजुर्गों को सड़क पर बितानी पड़ी रात

 

वसंत कुंज में वृद्धाश्रम बंद होने से बुजुर्गों को सड़क पर बितानी पड़ी रात


सड़क पर बितानी पड़ी रात
आज गांधी जयंती है. लेकिन आज बापू होते तो दिल्ली में कुछ बुजुर्गों की दुर्दशा देख परेशान हो जाते. दिल्ली के पॉश वसंत कुंज इलाके में लीज खत्म होने से एक ओल्ड एज होम बंद हो गया है और बुजुर्गों को मंगलवार की पूरी रात सड़कों पर बितानी पड़ी.

बुजुर्गों की बूढ़ी पथराई आंखों में सुबह से रात तक यही आस थी कि शायद कहीं उन्हें अपना बसेरा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले अपनों ने ठुकराया, फिर जमाने ने बिसराया और अब देश की राजधानी में किसी सरकार, किसी प्रशासन को इनके दर्द पर दया नहीं आई.

इन बेबस बुजुर्गों के सिर पर एक अदद छत थी जो देखते-देखते छिन गयी. आसरा रह गया तो ये बस इस फुटपाथ का.वसंतकुंज में निजी जमीन पर चल रहे अनाथालय में हर तरह के लोग थे. बुजुर्ग, विकलांग और घर से निकाले गए लोग. लकड़ी और टेंट से बने घरों में किसी तरह जिंदगी बसर कर रहे थे लेकिन जमीन की लीज न बढ़ने की वजह से उनका अनाथालय आखिर बंद हो गया.

ये सब बुजुर्ग वापस जाना चाहते हैं. घंटों तक इन बेघर लोगों की दर्द भरी दास्तां देखने के बाद सरकार ने सिर्फ ये कहा कि इनको बसाने की कोशिश होगी. एक एनजीओ जो इन बेबस लोगों की मदद कर रहा है, वह अब सरकार से गुहार लगा रहा है ताकि किसी को इन लाचार लोगों पर तरस आ ही जाए लेकिन ऐसा कब होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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