नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करता है तो वह गैरकानूनी तो है ही,लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दूसरी को कानूनी तौर पर पत्नी माना जाएगा और वह भरण पोषण पाने की हकदार होगी।
जस्टिस रनजना प्रकाश देसाई और जस्टिस ए के सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट का वह फैसला जिसमें कहा गया था कि दूसरी पत्नी को भरण पोषण नहीं मिलेगा,वह उन मामलों पर लागू नहीं होगा जिनमें कोई पुरूष पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करता है।
कोर्ट ने कहा कि अगर यह व्याख्या को कोई नहीं मानता है तो इसका मतलब होगा कि पति को पत्नी को धोखा देने के मामले में लाभांश देना। इसलिए सीआरपीसी की धारा 125 (भरण पोषण) के तहत ऎसी महिलाओं को कानूनी रूप से पत्नी माना जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उस याचिका पर दिया है जिसमें बंबई हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करने के आरोप में एक व्यक्ति को दूसरी पत्नी को भरण पोषण देने का आदेश दिया था।
जस्टिस रनजना प्रकाश देसाई और जस्टिस ए के सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट का वह फैसला जिसमें कहा गया था कि दूसरी पत्नी को भरण पोषण नहीं मिलेगा,वह उन मामलों पर लागू नहीं होगा जिनमें कोई पुरूष पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करता है।
कोर्ट ने कहा कि अगर यह व्याख्या को कोई नहीं मानता है तो इसका मतलब होगा कि पति को पत्नी को धोखा देने के मामले में लाभांश देना। इसलिए सीआरपीसी की धारा 125 (भरण पोषण) के तहत ऎसी महिलाओं को कानूनी रूप से पत्नी माना जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उस याचिका पर दिया है जिसमें बंबई हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करने के आरोप में एक व्यक्ति को दूसरी पत्नी को भरण पोषण देने का आदेश दिया था।
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