सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

…। और एड्स पीड़ित को बस से निचे उतार दिया कंडक्टर ने

…। और एड्स पीड़ित को बस से निचे उतार दिया कंडक्टर ने 


बाड़मेर राज्य सरकार एड्स को लेकर फैली भ्रातियो के बारे मे लोगो को जागरुक करने के लिए विज्ञापन पर करोड़ो रुपए खर्च कर रही है। लेकिन इन सबके बावजुद लोग आज भी छुआछुत की बीमारी मान रहे है। बाड़मेर शहर मे ऐसा ही वाक्या देखने को मिला एड्स रोगी ने यात्रा करते समय रोड़वेज कंडक्टर को अपना किराये मे छुट वाला सर्टिफेक्ट दिखाया तो कंडक्टर के हाथ पांव फूल गऐ। इतना ही नही कंडक्टर ने बस से एड्स रोगी को नीचे उतार दिया। एड्स रोगी के अनुसार रोड़वेज बस मे सवार होकर चौहटन से बाड़मेर आ रहा था कंडक्टर ने किराया मांगा तो मैने एड्स रोग वाला सर्टिफेक्ट दिखाया और कहा की 75 प्रतिशत छूट है। तो रोड़वेज बस के कंडक्टर ने मेरी गोपनियता भंग करते हुए बीच रास्ते मे बस से नीचे उतार दिया। इसकी शिकायत मैने रोड़वेज को कर दी है और रोड़वेज बस के कंडक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।जबकि सरकार द्वारा विज्ञापनो के माध्यम से यह जानकारी दी जाती है की एड्स छुआछुत की बीमारी नही है। लेकिन रोड़वेज बस कंडक्टर को लगा की कही बस मे सवार यात्रियो को एड्स न हो जाये। सबसे बड़ा सवाल है की रोड़वेज कंडक्टर के खिलाफ रोड़वेज विभाग कार्यवाही करता है या नही।

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