दुनिया में एक देश ऎसा है जहां हर साल 5 लाख महिलाएं ऎसा काम करती है जो वहां वर्जित है। लेकिन फिर भी वो मजबूरन ऎसा करती है कि खुद उनका मन भी गवाही देने से कतराता है...
दुनिया के नक्शे पर अर्जेन्टीना ऎसा देश है जहां गर्भपात प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी हर साल वहां करीब 5,00,000 महिलाएं बच्चा गिराने को मजबूर होती हैं। महिलाओं की यह मजबूरी तीन फोटोग्राफर्स की एक चित्र प्रदर्शनी में अलग-अलग किन्तु साफ दिखाई देती है। इन्हीं में से एक फोटो है"तस्वीर 11 हफ्ते, 23 घंटे, 59 मिनट",जिसमें एक महिला कैमिला ने अपनी गर्दन पर टैटू बनवाया है और उसमें लिखा है, निजी आजादी के लिए।
गर्भपात में हर साल 100 की मौत
अर्जेन्टीना के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गर्भपात के कारण पैदा हुई जटिलताओं और रक्तस्त्राव के कारण हर साल 60 से 80 हजार महिलाएं अस्पताल में भर्ती होती हैं। इनमें से 100 अंदरूनी चोटों या गलत तरीके से किए गए गर्भपात के कारण मर जाती हैं। यह देश के गरीब इलाकों में सामान्य है।
महज 70 हजार रूपये में काम
अवैध गर्भपात का धंधा फल फूल रहा है. डॉक्टर इसके लिए कम से कम 10,000 पेसो यानी करीब 65 से 75 हजार रूपये की मांग करते हैं। गर्भपात को कानूनी बनाने के लिए अभियान चला रहे डॉक्टर कार्दोसो ने भी गर्भपात करवाए हैं. और उन्होंने मरीजों की आय के हिसाब से उनसे फीस ली।
महिलाओं की उन्हीं को मदद
अर्जेन्टीना का महिला संघ ला रेवुएल्टा मांग करता है, "टेक योर रोजरीस आउट ऑफ आर ओवरीज"। कैथोलिक देश में यह एनजीओ गर्भपात को वैध करने की मांग कर रहा है। यह संघ महिलाओं को दवाओं का इस्तेमाल कर गर्भपात की सलाह देता है।
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