मोहनगढ़ में आवंटन अधिकारी को पीटा
आवंटन प्रक्रिया स्थगित करने पर उठाया धरना
मोहनगढ़ आधे दिन तक बंद कस्बे में तनाव का माहौल
बड़ी मुश्किल से चौधरी को जैसलमेर लाया गया
पहले घेराव, फिर धक्का मुक्की और बाद में मारपीट
पहले से बन चुका था छावनी
सहायक आयुक्तका आरोप : पुलिस के सामने प्रदर्शनकारियों ने की मारपीट
मोहनगढ़ कस्बे में गुरुवार को जबरदस्त तनावपूर्ण माहौल रहा। विशेष आवंटन का विरोध कर रहे किसान सुबह से ही हजारों की संख्या में उपनिवेशन तहसील के आगे एकत्र होने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सहायक आयुक्त एवं आवंटन अधिकारी अशोक चौधरी के साथ मारपीट भी की। दूसरी तरफ मोहनगढ़ कस्बे में पिछले कई दिनों से विशेष आवंटन का विरोध करने की रणनीति किसान बना रहे थे। एक दिन पूर्व मोहनगढ़ बंद का आह्वान भी कर दिया था जिसके चलते गुरुवार को मोहनगढ़ के बाजार आधे दिन बंद रहे। बड़ी संख्या में किसानों ने धरना- प्रदर्शन किया। पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगडऩे की स्थिति को देखते हुए पहले से ही मोहनगढ़ को छावनी बना दिया था।
पुलिस पर लगाया आरोप
सहायक आयुक्त चौधरी ने इस घटना के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस पर संगीन आरोप लगाए। चौधरी ने कहा कि वे डिप्टी बुद्धपुरी, एसएचओ मोहनसिंह व एएसआई भगवानसिंह के साथ वहां पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने इन पुलिसकर्मियों के संरक्षण पर मेरे साथ मारपीट की। चौधरी ने कहा कि भूमाफियाओं ने पुलिस के संरक्षण में यह षडय़ंत्र रचा था।
उपनिवेशन कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया
मोहनगढ़ में आवंटन अधिकारी के साथ हुई मारपीट के विरोध में उपनिवेशन विभाग के कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार शुरू कर दिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीकानेर व जैसलमेर की उपनिवेशन तहसीलों के सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। उपनिवेशन कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया
मोहनगढ़ में आवंटन अधिकारी के साथ हुई मारपीट के विरोध में उपनिवेशन विभाग के कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार शुरू कर दिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीकानेर व जैसलमेर की उपनिवेशन तहसीलों के सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है।
सहायक उपनिवेशन आयुक्त चौधरी
विशेष आवंटन के विरोध में किसानों ने तहसील के सामने किया विरोध-प्रदर्शन
आवंटन प्रक्रिया की निगरानी रखने के लिए बीकानेर से आए अतिरिक्त आयुक्त दुर्गेश बिस्सा ने विवाद बढऩे के बाद धरनार्थियों को बताया कि विशेष आवंटन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इस आश्वासन पर धरनार्थियों ने धरना उठा दिया।
विशेष आवंटन के विरोध में पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी व जिला किसान संघर्ष समिति के प्रेमसिंह परिहार के नेतृत्व में गुरुवार को धरना प्रदर्शन प्रस्तावित था। गुरुवार को सुबह से ही किसान एकत्र होने शुरू हो गए और उपनिवेशन तहसील के सामने धरना दिया। इस विरोध में मोहनगढ़ के व्यापार मंडल ने भी समर्थन दिया और गुरुवार को आधे दिन तक मोहनगढ़ कस्बा बंद रखा।
क्या है विशेष व सामान्य आवंटन
आवंटन प्रक्रिया की निगरानी रखने के लिए बीकानेर से आए अतिरिक्त आयुक्त दुर्गेश बिस्सा ने विवाद बढऩे के बाद धरनार्थियों को बताया कि विशेष आवंटन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इस आश्वासन पर धरनार्थियों ने धरना उठा दिया।
विशेष आवंटन के विरोध में पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी व जिला किसान संघर्ष समिति के प्रेमसिंह परिहार के नेतृत्व में गुरुवार को धरना प्रदर्शन प्रस्तावित था। गुरुवार को सुबह से ही किसान एकत्र होने शुरू हो गए और उपनिवेशन तहसील के सामने धरना दिया। इस विरोध में मोहनगढ़ के व्यापार मंडल ने भी समर्थन दिया और गुरुवार को आधे दिन तक मोहनगढ़ कस्बा बंद रखा।
क्या है विशेष व सामान्य आवंटन
नहरी क्षेत्र में जमीन आवंटन की अलग अलग प्रक्रियाएं है। विशेष आवंटन में 49 हजार प्रति बीघा दर निर्धारित है। इस पर नीलामी के माध्यम से विशेष आवंटन होता है। जिसके तहत 35 प्रतिशत राशि एक मुश्त और बाद में 15 किश्तों में देनी पड़ती है। वहीं सामान्य आवंटन जो कि 2004 से लम्बित है। उसमें एक मुरबे की कीमत 1 लाख रुपए है और 20 किश्तों में भुगतान करना पड़ता है।
ज्ञापन भेजे
पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी ने इस संबंध में बताया कि 2004 में जिले के भूमिहीनों द्वारा सामान्य आवंटन के लिए किए गए आवेदन आज भी आवंटन के इंतजार में है। वहीं जिस समय विशेष आवंटन के लिए पत्रावलियां आमंत्रित की गई थी तब बाहरी लोगों से मिलीभगत कर बिना स्थानीय लोगों की जानकारी के गुप्त तरीके से फाइलें जमा की गई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार चुनावों के मध्य नजर चुनावी लाभ के लिए विशेष आवंटन कर रही है। वहीं जिला किसान संघर्ष समिति के प्रेमसिंह परिहार ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि नहरी विशेष आवंटन के लिए आरक्षित भूमि को रूपांतरण कर सामान्य आवंटन में सम्मिलित कर जिले के स्थानीय भूमिहीन किसानों को सामान्य आवंटन कर दिया जाए।
सवाल जो जवाब मांगते हैं
क्चपूर्व में कई बार विशेष आवंटन हो चुके हैं लेकिन उस दौरान कभी भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात नहीं रहता। गुरुवार को पहले से ही पुलिस बल तैनात किया गया था जिससे स्पष्ट है कि प्रशासन व उपनिवेशन विभाग को विवाद बढऩे की आशंका पहले से ही थी। सवाल यह है कि यदि विवाद की आशंका थी तो आवंटन प्रक्रिया को पहले ही स्थगित क्यों नहीं कर दिया गया।
क्च विवाद की आशंका को देखते हुए सलाहकार समिति जो कि आवंटन करती है, उसके सदस्य गुरुवार की सुबह वहां पहुंचे ही नहीं थे। जानकारी के अनुसार सलाहकार समिति के सदस्यों के बिना आवंटन नहीं हो सकता था। बावजूद इसके मारपीट जैसी घटना की नौबत क्यों आई।
मोहनगढ़ में उपनिवेशन अधिकारी के साथ मारपीट होने के बाद एकबारगी तनाव का माहौल बन गया। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए और पुलिस बल भी तैनात हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही नियुक्त मजिस्ट्रेट तहसीलदार जयसिंह, एएसपी रामसिंह भी मौके पर पहुंचे। इस मामले में पुलिस ने 151 के तहत चनेसर खां, आड़तराम भील व मदनसिंह को गिरफ्तार किया है।
गुरुवार को मोहनगढ़ उपनिवेशन तहसील में विशेष आवंटन होना था। इसके लिए आवंटन अधिकारी अशोक चौधरी अपने क्वार्टर से निकलकर सामने स्थित उपनिवेशन तहसील की तरफ जाने लगे। तहसील कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने चौधरी का घेराव किया और उन्हें तहसील में जाने नहीं दिय। इस पर चौधरी वहां से अपने क्वार्टर की तरफ निकल गए। क्वार्टर जाते वक्त रास्ते में प्रदर्शनकारियों से उनकी झड़प हो गई। कुछ लोगों ने धक्का मुक्की कर उनके साथ मारपीट भी कर दी। जिससे चौधरी के नाक व आंख पर गंभीर चोटें आई।
मोहनगढ़ में विशेष आवंटन के विरोध को देखते हुए मोहनगढ़ क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। आरएसी की एक टुकड़ी भी तैनात कर दी गई थी। प्रदर्शनकारियों की भीड़ अधिक थी और पुलिस बल तैनात होने के बावजूद अधिकारी के साथ मारपीट हो गई।
आवंटन अधिकारी चौधरी के साथ हुई मारपीट के बाद उन्हें जैसलमेर लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। फिल्मी अंदाज में चौधरी को गुप्त रास्ते से निकालकर पुलिस की गाडिय़ों के साथ जैसलमेर लाया गया। मारपीट की घटना के बाद पुलिसकर्मी चौधरी को मुख्य रोड पर जैसलमेर ले जाने के लिए लेकर आए लेकिन प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए वे हिम्मत नहीं जुटा पाए और वापस क्वार्टर में चले गए। इसके बाद पुलिस ने तहसील के पिछले हिस्से से चौधरी को बाहर निकाला और ऑफ रूट से पुलिस की गाडिय़ों के साथ जैसलमेर पहुंचाया। इससे पूर्व उनके इलाज के लिए भी कम्पाउंडर को भी क्वार्टर में लाया गया जहां प्राथमिक उपचार किया गया।
ज्ञापन भेजे
पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी ने इस संबंध में बताया कि 2004 में जिले के भूमिहीनों द्वारा सामान्य आवंटन के लिए किए गए आवेदन आज भी आवंटन के इंतजार में है। वहीं जिस समय विशेष आवंटन के लिए पत्रावलियां आमंत्रित की गई थी तब बाहरी लोगों से मिलीभगत कर बिना स्थानीय लोगों की जानकारी के गुप्त तरीके से फाइलें जमा की गई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार चुनावों के मध्य नजर चुनावी लाभ के लिए विशेष आवंटन कर रही है। वहीं जिला किसान संघर्ष समिति के प्रेमसिंह परिहार ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि नहरी विशेष आवंटन के लिए आरक्षित भूमि को रूपांतरण कर सामान्य आवंटन में सम्मिलित कर जिले के स्थानीय भूमिहीन किसानों को सामान्य आवंटन कर दिया जाए।
सवाल जो जवाब मांगते हैं
क्चपूर्व में कई बार विशेष आवंटन हो चुके हैं लेकिन उस दौरान कभी भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात नहीं रहता। गुरुवार को पहले से ही पुलिस बल तैनात किया गया था जिससे स्पष्ट है कि प्रशासन व उपनिवेशन विभाग को विवाद बढऩे की आशंका पहले से ही थी। सवाल यह है कि यदि विवाद की आशंका थी तो आवंटन प्रक्रिया को पहले ही स्थगित क्यों नहीं कर दिया गया।
क्च विवाद की आशंका को देखते हुए सलाहकार समिति जो कि आवंटन करती है, उसके सदस्य गुरुवार की सुबह वहां पहुंचे ही नहीं थे। जानकारी के अनुसार सलाहकार समिति के सदस्यों के बिना आवंटन नहीं हो सकता था। बावजूद इसके मारपीट जैसी घटना की नौबत क्यों आई।
मोहनगढ़ में उपनिवेशन अधिकारी के साथ मारपीट होने के बाद एकबारगी तनाव का माहौल बन गया। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए और पुलिस बल भी तैनात हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही नियुक्त मजिस्ट्रेट तहसीलदार जयसिंह, एएसपी रामसिंह भी मौके पर पहुंचे। इस मामले में पुलिस ने 151 के तहत चनेसर खां, आड़तराम भील व मदनसिंह को गिरफ्तार किया है।
गुरुवार को मोहनगढ़ उपनिवेशन तहसील में विशेष आवंटन होना था। इसके लिए आवंटन अधिकारी अशोक चौधरी अपने क्वार्टर से निकलकर सामने स्थित उपनिवेशन तहसील की तरफ जाने लगे। तहसील कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने चौधरी का घेराव किया और उन्हें तहसील में जाने नहीं दिय। इस पर चौधरी वहां से अपने क्वार्टर की तरफ निकल गए। क्वार्टर जाते वक्त रास्ते में प्रदर्शनकारियों से उनकी झड़प हो गई। कुछ लोगों ने धक्का मुक्की कर उनके साथ मारपीट भी कर दी। जिससे चौधरी के नाक व आंख पर गंभीर चोटें आई।
मोहनगढ़ में विशेष आवंटन के विरोध को देखते हुए मोहनगढ़ क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। आरएसी की एक टुकड़ी भी तैनात कर दी गई थी। प्रदर्शनकारियों की भीड़ अधिक थी और पुलिस बल तैनात होने के बावजूद अधिकारी के साथ मारपीट हो गई।
आवंटन अधिकारी चौधरी के साथ हुई मारपीट के बाद उन्हें जैसलमेर लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। फिल्मी अंदाज में चौधरी को गुप्त रास्ते से निकालकर पुलिस की गाडिय़ों के साथ जैसलमेर लाया गया। मारपीट की घटना के बाद पुलिसकर्मी चौधरी को मुख्य रोड पर जैसलमेर ले जाने के लिए लेकर आए लेकिन प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए वे हिम्मत नहीं जुटा पाए और वापस क्वार्टर में चले गए। इसके बाद पुलिस ने तहसील के पिछले हिस्से से चौधरी को बाहर निकाला और ऑफ रूट से पुलिस की गाडिय़ों के साथ जैसलमेर पहुंचाया। इससे पूर्व उनके इलाज के लिए भी कम्पाउंडर को भी क्वार्टर में लाया गया जहां प्राथमिक उपचार किया गया।
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