नरेंद्र मोदी बेशक अमेरिका में जाकर अपनी बात न कह सकते हों, लेकिन अमेरिकियों तक वे बड़ी आसानी से पहुंच जाते हैं. रविवार सुबह नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को संबोधित किया और अपनी बात कही. उन्होंने नैरोबी में हमले पर दुख जाहिर करने से लेकर बीजेपी राज्यों में विकास तक की बातें कीं.
नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले कहा, 'नैरोबी में जो हमला हुआ है उसमें भारतीयों की भी मौत हुई है. हम मृतकों को श्रद्धांजलि देते हैं. हमें लगता है कि इस मामले में कीनिया की सरकार जरूर कार्रवाई करेगी और दोषियों को पकड़ेगी.' मोदी ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि हम उनके युग से हैं, जिसने अहिंसा का पाठ पढ़ाया. आतंक इस समय अपनी जड़ें जमा रहा है, जो एक चैलेंज है. अब संसार में मानवता का संदेश फैलाने की जरूरत है.
सामाजिक दायित्व का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनाव को सत्ता का सुख पाने के माध्यम के रूप में नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की तरक्की की राह के रूप में देखा जाना चाहिए. मोदी ने कहा कि यह चुनाव पद के लिए नहीं, बल्कि गरीबों के आंसू पोंछने के लिए है. उन्होंने कहा कि चुनाव किसानों, आदिवासियों, सेना के जवानों की भलाई और बेहतरी के लिए है.
अमेरिकी भारतीयों के सामने मोदी अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का नाम लेना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि पार्टी आज जिस स्थिति में है, वह इन दोनों के त्याग की बदौलत है. मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार ने विश्व को नया संदेश दिया था. उनकी सरकार के वक्त भारत के रिश्ते पड़ोसियों से अच्छे थे, लेकिन अब सब कुछ खराब हो चुका है, हर स्तर पर गिरावट दर्ज की जा रही है.
मोदी ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों को उनका कर्ज याद दिलाया. मोदी ने कहा, 'आपकी पढ़ाई से लेकर आपकी तरक्की तक गरीबों का भी बहुत योगदान है, अपने देश के लिए, समाज के लिए अब कर्ज चुकाएं.'
2014 के चुनाव को बहुत बड़ी लड़ाई बताते हुए मोदी ने कहा कि यह सुनहरी भविष्य की लड़ाई है. जिसे किसान से लेकर युवा और महिलाएं सब मिलकर लड़ रहे हैं.
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