रविवार, 22 सितंबर 2013

सोनिया ने किया रिफायनरी का शिलान्यास, सपना हुआ पूरा

जयपुर। प्रदेश की महत्वकांक्षी बाडमेर रिफायनरी का शिलान्यास रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया। वह रविवार दोपहर करीब एक बजे पचपदरा पहुंची। समारोह के दौरान सोनिया ने बटन दबा कर रिफायनरी की शिलान्यास पटि्टका का अनावरण किया।सोनिया ने किया रिफायनरी का शिलान्यास, सपना हुआ पूरा
इस मौके पर सोनिया ने कहा कि यह रिफायनरी राज्य और केन्द्र की विकास के प्रति मजबूत इच्छा शक्ति का परिचायक है। इससे पूरे राजस्थान को फायदा मिलेगा और यहां की जनता की जीवन सुधरेगा। यूपीए सरकार ने विकास के लिए ऎतिहासिक कदम उठाए हैं। पिछड़े तबके के लिए कई योजनाएं यूपीए ने दी हैं। उन्होंने महानरेगा सूचना का अधिकार कानून, मिड डे मील, शिक्षा का अधिकार जैसी येाजनाओं को गिनाया।

खाद्य सुरक्षा कानून म विपक्ष के सवालों का जबाव देते हुए सोनिया ने यहां कहा कि यूपीए ने कभी भी किसानों और गरीबों के हितों का नजरअंदाज नहीं किया। यूपीए सरकार ने ही किसानों की सुरक्षा के लिए यह इंतजाम किए हैं कि कोई किसानों की भूमि नहीं हड़प सकेगा।

यूपीए ने समावेशी विकास को प्राथ्çामकता दी है। जिसका लाभ समाज के सभी वर्गो को मिलेगा। समाज में तभी खुशहाली आती है, जब सभी लोग कंघे से कंधा मिला कर चले। यही हमारे देश और कांगे्रस की परंपरा है।

सोनिया ने यहां अशोक गहलोत सरकार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थान देश का ऎसा पहला राज्य है, जहां नि:शुल्क दवा योजना लागू की गई है। अनेकों अन्य योजनाएं जनता के हित में लागू की गई हैं। रिफायनरी से मिलने वाले राजस्व का लाभ भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में जनता को मिलेगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में राजस्थान प्रगति के पथ पर और आगे बढ़ेगा।


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिफायनरी के शिलान्यास को राजस्थान के इतिहास में स्वर्णिम दिन बताया। उन्होंने इस रिफायनरी के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 40 हजार 500 करोड़ रूपए का कोष एकत्रित किया और जनता के लाभ के लिए सड़क, पानी, बिजली की योजनाएं बनाई।

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि रिफायनरी से राजस्थान मे रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे। स्थानीय लोगों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। आने वाले चार साल में रिफायनरी अपने पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू कर देगी।

सोनिया के साथ समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, प्रदेश प्रभारी गुरदास कामत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान समेत कांग्रेस के अन्य बड़े नेता मौजूद हैं। रिफायनरी के बाद सोनिया राजस्थान के भीलवाड़ा में मेमू कोच फैक्ट्री और चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना की आधारशिला रखेगीं।

सच होगा प्रदेश का सपना

राजस्थान में स्थापित होने वाली यह देश की 26वीं रिफाइनरी होगी और इसके साथ ही प्रदेश रिफाइनरी वाला देश का 15वां प्रदेश बन जाएगा। 90 लाख मीट्रिक टन की रिफाइनरी पर 37230 करोड़ रूपए लागत आएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार यह देश की सबसे आधुनिक रिफाइनरी होगी। यह तेल शोधक कारखाना वैक्स ऑयल तकनीक पर आधारित होगा। रिफाइनरी बनने के बाद इससे जुड़े बाय प्रोडक्ट्स की 125 से भी अधिक उत्पादों की फैक्ट्रियां यहां लगेगी।

इनका होगा उत्पादन

रिफाइनरी को उद्योगों की जननी कहा जाता है। बाड़मेर में रिफाइनरी लगने से पेट्रोकेमिकस, पेट्रो इंजीनियरिंग, पेट्रो मेडिसनल रिसर्च, हीटिंग ऑइल इंडस्ट्रीज पॉलिमर्स, प्लास्टिक उद्योग आदि को बढ़ावा मिलेगा। क्रूड ऑयल से "नेफ्था" निकलता है जिससे "पेट्रोल" बनता है। साथ ही यहां नेफ्था, पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और एविएशन फ्यूल भी बनेगा। इसके अलावा मोम, डॉमर, प्रोपेलिन एवं अन्य हाइड्रोकार्बन उत्पादों का उत्पादन होने के अलावा पेट्रोलियम आधारित अन्य कई औद्योगिक इकाइयां लगने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर प्राप्त होंगे।

प्रदेश को मिलेगा खजाना

बाड़मेर में 90 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता की रिफाइनरी लगने से राजस्थान को वर्तमान में तेल दोहन से मिल रही पांच हजार करोड़ रूपए की सालाना रॉयल्टी के मुकाबले प्रतिवर्ष 13 से 15 हजार करोड़ रूपए की आमदनी होने की उम्मीद है। सरकार ने इस वर्ष 21 फरवरी को एच.पी.सी.एल. को रिफाइनरी लगाने के लिए 3376 करोड़ वार्षिक पैकेज (वायबिलिटी गैप फंड के रूप में) के अनुसार 15 वर्ष के लिए करीब 56 हजार 40 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी है। इसके अलावा नि:शुल्क भूमि, पानी, आधारभूत ढांचा विकास आदि सुविधाएं भी दी जाएंगी। रिफाइनरी के लिए उत्पादन शुल्क में 50 फीसदी छूट देने की भी वित्त मंत्रालय को सिफारिश भेजी है।

होगा औद्योगिकीकरण

रिरिफाइनरी लगने से आसपास के क्षेत्र में औद्योगिकीकरण विकास तेजी से होगा। इससे क्षेत्र में होने वाले सामाजिक और आर्थिक विकास से ईधन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की मांग बढ़ेगी। जिससे राजस्थान सरकार के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर, शुल्क राज्य सरकार को मिलेंगे। इसी प्रकार रिफायनरी का निर्माण कार्य और रिफाइनरी उपकरणों के अनुरक्षण के लिए जरूरी नट, बोल्ट, बेरिंग, मशीन औजार, पम्प मोटरों की मरम्मत के सहायक लघु उद्योंगों के अलावा पॉलीप्रोपेलीन व पॉली इथायनील जैसे पेट्रोकेमिकल उत्पादों के उत्पादन से अन्य पट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित होंगे। बड़ी संख्या में क्षेत्र में फैक्ट्रियां लगने से औद्योगिकीकरण बढ़ेगा।

2009 में फूटी तेल की धार

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 29 अगस्त, 2009 को बाड़मेर के नागाणा स्थित मंगला क्षेत्र में राजस्थान के पहले तेलकूप का उद्घाटन किया। इसके साथ ही धरती पर तेल की धार का सपना साकार हो गया।


 

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