लखनऊ। यूपी सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को रविवार रात चार्जशीट दी और मामले की विस्तृत रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेज दी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नागपाल को 10 पन्नों वाली चार्जशीट दी गई है और उन्हें 15 दिनों में इसका जवाब देने को कहा गया है। यह चार्जशीट राज्य के नियुक्ति विभाग ने तैयार की है। चार्जशीट में कहा गया है कि गौतमबुद्धनगर जिले के कादलपुरगांव में 27 जुलाई को एक मस्जिद की दीवार गिराने के मामले में यह अधिकारी पृथम दृष्टया दोषी है और उनकी इस कार्रवाई से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था।
नागपाल को 27 जुलाई की रात ही निलंबित कर दिया गया था। दरअसल इस मामले के तूल पकड़ने पर संयुकत प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस अधिकारी के साथ अन्याय नहीं हो। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था।
राज्य सरकार ने चार्जशीट में कहा है कि मस्जिद की दीवार गिरानेके मामले में नागपाल ने उपयुक्त कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उनमें प्रशासनिक योग्यता का अभाव है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने नागपाल को निलंबित किए जाने से पहले कोई भी नोटिस जारी नहीं किया जबकि उपजिलाधिकारी सदर के पद पर तैनात इस महिला अधिकारी को गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी रविकांत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी।
जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब गांव वालों को यह पता चला कि यह मस्जिद सरकारी जमीन पर बनाई जा रही है तो उन्होंने खुद ही इसकी दीवार ढहा दी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नागपाल को 10 पन्नों वाली चार्जशीट दी गई है और उन्हें 15 दिनों में इसका जवाब देने को कहा गया है। यह चार्जशीट राज्य के नियुक्ति विभाग ने तैयार की है। चार्जशीट में कहा गया है कि गौतमबुद्धनगर जिले के कादलपुरगांव में 27 जुलाई को एक मस्जिद की दीवार गिराने के मामले में यह अधिकारी पृथम दृष्टया दोषी है और उनकी इस कार्रवाई से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था।
नागपाल को 27 जुलाई की रात ही निलंबित कर दिया गया था। दरअसल इस मामले के तूल पकड़ने पर संयुकत प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस अधिकारी के साथ अन्याय नहीं हो। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था।
राज्य सरकार ने चार्जशीट में कहा है कि मस्जिद की दीवार गिरानेके मामले में नागपाल ने उपयुक्त कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उनमें प्रशासनिक योग्यता का अभाव है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने नागपाल को निलंबित किए जाने से पहले कोई भी नोटिस जारी नहीं किया जबकि उपजिलाधिकारी सदर के पद पर तैनात इस महिला अधिकारी को गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी रविकांत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी।
जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब गांव वालों को यह पता चला कि यह मस्जिद सरकारी जमीन पर बनाई जा रही है तो उन्होंने खुद ही इसकी दीवार ढहा दी।
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