सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों का रजिस्टे्रशन होगा जरूरी
किलनिक स्टेबलिस्टमेंट एक्ट के तहत करवाना होगा रजिस्टे्रशन
बाडमेर। जिले में संचालित हो रहे सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों का रजिस्ट्रेशन अब जरूरी होगा। इसके लिए बकायदा चिकित्सा विभाग में आवेदन कर संबंधित संस्थान प्रभारी को रजिस्टे्रशन करवाना होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आदेशों के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रकि्रया शुरू कर दी है। रजिस्ट्रेशन किलनिक स्टेबलिस्टमेंट एक्ट 2010 के अधीन करवाया जाएगा, जिसके नियम-कायदे सरकार ने तय कर दिए गए हैं और प्रपत्र भी निर्धारित कर दिया है। इस संबंध में मुुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. जितेंद्रसिंह ने एनआरएचएम के पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रमसिंह चम्पावत को प्रभारी नियुक्त किया है। सीएमएचओ डा. जितेंद्रसिंह के मुताबिक सरकारी चिकित्सा संस्थानों के रजिस्टे्रशन संबंधी कार्रवार्इ शुरू कर दी गर्इ है और गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों को रजिस्टे्रशन 15 अगस्त 2013 तक करवाना होगा।
जिला आर्इर्इसी समन्व्यक विनोद बिश्नोर्इ ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जयपुर निदेशालय से इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। निर्देशों के तहत अब किलनिक स्टेबलिस्टमेंट एक्ट 2010 के तहत सभी चिकित्सा संस्थानों को प्रोविजनल रजिस्टे्रशन करवाना होगा। बहरहाल, सभी रजिस्टे्रशन आफ लार्इन होंगे, तत्पश्चात आगामी कार्रवार्इ होगी। इस संबंध में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए भी दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं ताकि भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत चिकित्सा संस्थानों का रजिस्टे्रशन करवाया जा सके। रजिस्टे्रशन करवाते समय उक्त संस्थानों को चिकित्सा संस्थान का नाम, संचालक का नाम, संस्थान का प्रकार, उपयोग की जा रही पद्धति, चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध सेवाएं, स्थापन का प्रकार, बिस्तरों की संख्या, प्रयोगशाला आदि की जानकारी देनी होगी। यही नहीं चिकित्सा संस्थान में जब भी किसी तरह का परिवर्तन किया जाएगा तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवानी होगी।
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