सोमवार, 5 अगस्त 2013

एस पी के तबादले के विरोध में सांकडा बंद रहा

एस पी के तबादले के विरोध में सांकडा बंद रहा 


जैसलमेर। ग्रेटर नोएडा की एसडीएम दुर्गा शक्ति के निलंबन के बाद अब जैसलमेर एसपी पंकज चौधरी के तीन दिन पहले हुए तबादले पर विवाद हो गया है। उनके तबादले को तस्कर गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट एक बार फिर खोलने के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।सोमवार को भी एस पी  तबादले को लेकर लोगो में आक्रोश जरी रहा ऽअज जिले का संकडा क़स्बा बंद रहा .लोगो ने जुलुस निकाल सरकार के खिलाफ नारे लगाए 


तबादले के विरोध में रविवार को जैसलमेरभी  बंद रहा था । लोगों ने कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और एडीएम मानाराम पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। गाजी फकीर का एक बेटा शाले मोहम्मद पोकरण क्षेत्र से कांग्रेस विधायक है। दूसरा बेटा अब्दुला फकीर जिला प्रमुख है।


शाले पर मामला दर्ज

शाले मोहम्मद पर पुलिसकर्मी से मारपीट का मामला दर्ज हुआ। कांस्टेबल पप्पूराम मीणा ने बताया, 17 मई को वह सरकारी वाहन से जा रहे थे। एक जने को पकड़ा तो विधायक ने अपशब्द कह लपकों को छुड़ा दिया। जांच सीआईडी करेगी।


यह है नियम


पुलिस एक्ट 2007 के अनुसार किसी भी एसपी को दो वर्ष से कम अवधि पर नहीं हटाया जा सकता। विशेष परिस्थितियों में हटाया भी जाए तो उसका कारण सरकार को लिखित में स्पष्ट करना जरूरी है।


पंकज चौधरी के तबादले को बेवजह मुद्दा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा मानना है कि यह रूटीन ट्रांसफर है। जैसलमेर बंद करना लोगों की एक फीलिंग हो सकती है।

अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान


राजनीतिक मंसूबे पूरे करने के लिए ईमानदार अफसरों को हटाया जा रहा है। सोनिया गांधी को यूपी तो दिख गया, राजस्थान में अपनी सरकार के कारनामे नहीं दिख रहे।

वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष


यह द्वेष्ापूर्ण कार्रवाई है। जांच होनी चाहिए कि किस नियम के तहत हिस्ट्रीशीट खोली गई।

शाले मोहम्मद, पोकरण विधायक


मैंने सिर्फ काम किया है। मैं नहीं जानता मेरा तबादला क्यों हुआ। मैं आदेश का पालन करूंगा।

पंकज चौधरी, तत्कालीन जैसलमेर एसपी


माफियाओं पर कार्रवाई

चित्तौड़गढ़ में कलक्टर रहते समित शर्मा का कांग्रेस के एक विधायक से विवाद हुआ। विधायक ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया तो समित का तबादला कर दिया गया।

नागौर में उन्होंने अवैध खनन, शराब और दवा माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ी तो नेताओं को पचा नहीं। अक्टूबर-11 में उनका तबादला कर दिया गया। दोनों शहर बंद रहे थे।


खनन पर रोक पड़ी भारी

झुंझुनूं में जनवरी 2011 में कलक्टर मुग्धा सिन्हा ने मोडा पहाड़ पर अवैध खनन पर रोक लगाई थी। जिले की खान लॉबी और एक विधायक की नाराजगी भारी पड़ी। मुग्धा का तबादला कर दिया गया। उनके समर्थन में झुंझुनूं शहर में बंद भी रहा था।


गोपालगढ़ में सितंबर-11 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद तत्कालीन कलक्टर कृष्ण कुणाल और एसपी हिंगलाजदान का निलंबन किया। आठ माह बाद सीबीआई ने दोनों को क्लीन चिट दी, बहाली न होने पर दोनों ने कैट में अपील की। फिर बहाली हुई।


हटाए थे ये एसपी भी


अप्रेल-12 में विकास कुमार भरतपुर और राहुल प्रकाश धौलपुर में एसपी रहते अवैध खनन के खिलाफ मुहिम चलाने के तुरंत बाद हटाए गए थे।
सवाईमाधोपुर जिले की एसपी परम ज्योति और बूंदी की एसपी प्रीति चंद्रा को तीन दिन पहले ही तबादला कर ठंडी पोस्ट पर लगाया गया है। सूत्रों की मानें तो दोनों का तबादला केन्द्रीय नेताओं से विवाद के चलते हुआ।



वर्चस्व गाजी फकीर का

गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट मई 2011 में बंद हुई थी। कारण उनका राजनीतिक वर्चस्व बताया जाता है। 4 साल पहले पकड़ी 58 किलो हेरोइन मामले में वह संदिग्ध रहे हैं।

संयोग 31 जुलाई का


यह संयोग है कि गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट पहली बार 31 जुलाई 1965 को खुली थी। फिर 31 जुलाई 1990 को खुली और इस बार भी 31 जुलाई को ही खोली गई। गाजी पाक के कुख्यात तस्कर सीकिया की जमानत मामले में भी संदिग्ध हैं।


दबंग अफसर चौधरी

पंकज चौधरी ने 23 फरवरी को अपना कार्यभार संभाला था। 2009 बैच के आईपीएस पंकज ने जैसलमेर में 4 माह मे ही अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया।

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