छात्राओं ने भरी हुँकार राजस्थानी बिना केड़ो राजस्थान
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा चलाये जा रहे राजस्थानी संकल्प पखवाड़े के तहत सोमवार को कन्या महा विद्यालय में संकल्प हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया। बड़ी तादाद में महाविद्यालय की छात्राव ने राजस्थानी भाषा की मान्यता के समर्थन में हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का संकल्प दोहराया।छात्राओं ने छात्रा संघ अध्यक्ष सोनू राठोड ,पूर्व अध्यक्षा कंचन कंवर ,वंदना शर्मा ,करिश्मा भाटी , निकिता शर्मा बरखा दाग गीता खेमानी चन्द्रकान्ता चारण ,पंकज राठोड ,पूजा डागा सहित सेकड़ो छात्राओं ने हस्ताक्षर कर अभियान से जुड़ने की इच्छा जाहिर की। इस अवसर पर छात्र संघ अध्यक्ष सोनू राठोड ने कहा की राजस्थानी भाषा राजस्थान की थाती हें। भाषा के बिना मानव गूंगा हें। उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा के लिए चलाया जा रहा अभियान एक अनुकरणीय कदम हें ,बाड़मेर की समस्त छत्रे इस अभियान से जुड़ना चाहती हें। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष कंचन कंवर ने कहा की राजस्थानी भाषा के बिना राजस्थान की कस्ल्पना करना बेमानी हें ,उन्होंने कहा की जब छोटे से छोटे प्रदेश की अपनी भाषा हें। तो फिर राजस्थानी जो चौदह करोड़ राजस्थानियों की पहचान हें मान्यता से क्यूँ वंचित रखा जा रहा हें। इस अवसर पर डॉ हुकमाराम सुथार ,प्रोफ मुकेश पचौरी ,दिगविजय सिंह चुली ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,रमेश सिंह इन्दा सहित कई राजस्थानी भाषा समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा चलाये जा रहे राजस्थानी संकल्प पखवाड़े के तहत सोमवार को कन्या महा विद्यालय में संकल्प हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया। बड़ी तादाद में महाविद्यालय की छात्राव ने राजस्थानी भाषा की मान्यता के समर्थन में हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का संकल्प दोहराया।छात्राओं ने छात्रा संघ अध्यक्ष सोनू राठोड ,पूर्व अध्यक्षा कंचन कंवर ,वंदना शर्मा ,करिश्मा भाटी , निकिता शर्मा बरखा दाग गीता खेमानी चन्द्रकान्ता चारण ,पंकज राठोड ,पूजा डागा सहित सेकड़ो छात्राओं ने हस्ताक्षर कर अभियान से जुड़ने की इच्छा जाहिर की। इस अवसर पर छात्र संघ अध्यक्ष सोनू राठोड ने कहा की राजस्थानी भाषा राजस्थान की थाती हें। भाषा के बिना मानव गूंगा हें। उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा के लिए चलाया जा रहा अभियान एक अनुकरणीय कदम हें ,बाड़मेर की समस्त छत्रे इस अभियान से जुड़ना चाहती हें। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष कंचन कंवर ने कहा की राजस्थानी भाषा के बिना राजस्थान की कस्ल्पना करना बेमानी हें ,उन्होंने कहा की जब छोटे से छोटे प्रदेश की अपनी भाषा हें। तो फिर राजस्थानी जो चौदह करोड़ राजस्थानियों की पहचान हें मान्यता से क्यूँ वंचित रखा जा रहा हें। इस अवसर पर डॉ हुकमाराम सुथार ,प्रोफ मुकेश पचौरी ,दिगविजय सिंह चुली ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,रमेश सिंह इन्दा सहित कई राजस्थानी भाषा समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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