गुरुवार, 15 अगस्त 2013

नहीं मिली फैमिली, फिर जाना पड़ा जीबी रोड

। नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस जीबी रोड (रेड लाइट इलाका) कोठे से छुड़ाई गई एक लड़की के परिजनों को तलाश करने में नाकाम रही। इसके बाद उस लड़की फिर से जीबी रोड जाना पड़ा। इस बारे में हाई कोर्ट को बताया गया। हाई कोर्ट ने इस मामले में चिंता जताते हुए कहा कि लड़की को नारी निकेतन में ही क्यों नहीं रखा गया और उसके पुनर्वास का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। हाई कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और याचिका दायर करने वाले एनजीओ से कहा है कि वह बताएं कि इस मामले में लड़की के पुनर्वास के लिए आगे क्या कदम उठाए जा सकते हैं। अदालत ने दोनों से जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
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सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल पवन शर्मा ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि जीबी रोड से 9 मई को 2 लड़कियों को छुड़ाया गया था। इनमें से एक नेपाल की रहने वाली है जबकि दूसरी वेस्ट बंगाल की। दोनों को मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। इस दौरान वेस्ट बंगाल में रहने वाली लड़की के परिजन आए। वेरिफिकेशन के बाद उस लड़की को उसके पैरंट्स के हवाले कर दिया गया। नेपाल की रहने वाली लड़की की उम्र संबंधी जांच की गई और उसमें वह बालिग निकली। उसने बयान दिया कि उसके पिता की मौत हो चुकी है जबकि उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है। उसका एक भाई है। अगर वह मिलता है तो वह उसके साथ जाना चाहेगी। लड़की ने खुद ही जीबी रोड स्थित कोठे पर जाने की बात कही और वहां रहने चली गई। पुलिस उसके भाई की तलाश कर रही है।

अदालत ने सरकार से कहा है कि वह लड़की के पुनर्वास के लिए कदम उठाए और पुलिस को निर्देश दिया है कि वह उसके भाई की तलाश करने की कोशिश करे और अगली सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तारीख तय कर दी है।

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