नरेंद्र मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भले ही न घोषित किया गया हो पर आज उस वक्त ऐसा लगा कि उन्होंने इसका ताज पहले ही पहन लिया है, जब उन्होंने कहा कि राष्ट्र कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री के भाषण की तुलना उनके भाषण से करेगा।
कच्छ जिले के भुज में युवाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब हम तिरंगा फहराएंगे तो संदेश लाल किला तक भी पहुंचेगा। राष्ट्र जानना चाहेगा कि वहां क्या कहा गया और भुज में क्या कहा गया। सीधे तौर पर प्रधानमंत्री का जिक्र न करते हुए मोदी ने कहा कि एक तरफ वादों की झड़ी होगी तो दूसरी ओर किए गए काम का लेखा-जोखा होगा। एक तरफ निराशा होगी तो दूसरी तरफ आशा होगी।
गुजरात में स्वतंत्रता दिवस का आधिकारिक समारोह भुज में मनाया जाएगा जहां मोदी राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख मोदी के बयान पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री अहंकार में चूर हैं। शुक्ला ने दिल्ली में कहा कि मैं पहले दिन से कहता आ रहा हूं कि वह अहंकार में चूर हैं और सिर्फ अपने बारे में ही बोलते हैं। यदि इस तरह का व्यक्ति राजनीति में ऊंचाई को छूता है तो वह भविष्य में देश का क्या हश्र करेगा, यह समझा जा सकता है।
केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी यह कहते हुए मोदी को आड़े हाथ लिया कि भाजपा नेता पर तथ्यों की गलतबयानी के लिए नजर रखी जाएगी क्योंकि उन्हें ऐसा करने की आदत है। सिब्बल ने कहा कि लोग यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि अब मोदी तथ्यों की कैसी गलतबयानी करने जा रहे हैं। जब भी वह भाषण देते हैं, कुछ गलत आंकड़े, कुछ गलत तथ्य जरूर होते हैं। उन्होंने यह गलत बयान दिया था कि चीन शिक्षा पर अपनी जीडीपी का 20 फीसदी खर्च करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वह राष्ट्रीय मुद्दों को महत्वहीन नहीं बनाएंगे और तथ्यों को गलत तरीके से पेश नहीं करेंगे। मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना साधा। साफ तौर पर वाड्रा की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो माता-पिता उन्हें अपना घर बसाने की सलाह देते हैं। पर आजकल के बच्चे अपने माता—पिता से कहते हैं कि उन्हें शादी से परहेज नहीं है, पर वे सरकारी दामाद बनने के मौके का इंतजार कर रहे हैं।
कच्छ जिले के भुज में युवाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब हम तिरंगा फहराएंगे तो संदेश लाल किला तक भी पहुंचेगा। राष्ट्र जानना चाहेगा कि वहां क्या कहा गया और भुज में क्या कहा गया। सीधे तौर पर प्रधानमंत्री का जिक्र न करते हुए मोदी ने कहा कि एक तरफ वादों की झड़ी होगी तो दूसरी ओर किए गए काम का लेखा-जोखा होगा। एक तरफ निराशा होगी तो दूसरी तरफ आशा होगी।
गुजरात में स्वतंत्रता दिवस का आधिकारिक समारोह भुज में मनाया जाएगा जहां मोदी राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख मोदी के बयान पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री अहंकार में चूर हैं। शुक्ला ने दिल्ली में कहा कि मैं पहले दिन से कहता आ रहा हूं कि वह अहंकार में चूर हैं और सिर्फ अपने बारे में ही बोलते हैं। यदि इस तरह का व्यक्ति राजनीति में ऊंचाई को छूता है तो वह भविष्य में देश का क्या हश्र करेगा, यह समझा जा सकता है।
केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी यह कहते हुए मोदी को आड़े हाथ लिया कि भाजपा नेता पर तथ्यों की गलतबयानी के लिए नजर रखी जाएगी क्योंकि उन्हें ऐसा करने की आदत है। सिब्बल ने कहा कि लोग यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि अब मोदी तथ्यों की कैसी गलतबयानी करने जा रहे हैं। जब भी वह भाषण देते हैं, कुछ गलत आंकड़े, कुछ गलत तथ्य जरूर होते हैं। उन्होंने यह गलत बयान दिया था कि चीन शिक्षा पर अपनी जीडीपी का 20 फीसदी खर्च करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वह राष्ट्रीय मुद्दों को महत्वहीन नहीं बनाएंगे और तथ्यों को गलत तरीके से पेश नहीं करेंगे। मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना साधा। साफ तौर पर वाड्रा की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो माता-पिता उन्हें अपना घर बसाने की सलाह देते हैं। पर आजकल के बच्चे अपने माता—पिता से कहते हैं कि उन्हें शादी से परहेज नहीं है, पर वे सरकारी दामाद बनने के मौके का इंतजार कर रहे हैं।
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