मंगलवार, 13 अगस्त 2013

पति और देवर को दस साल की कैद

जगदलपुर। शहर के एक समय के चर्चित ममता जैन हत्याकाण्ड से बीस साल के बाद पर्दा उठ गया है। प्रथम अपर सत्र न्यायधीश एसशर्मा ने सोमवार को दहेज के लिए प्रताडित कर असामन्य परिस्थितियों में ममता जैन की मौत के लिए उसके पति इंद्रकुमार चौधरी व देवर उदयभान चौधरी को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पति और देवर को दस साल की कैद
मामले में संलिप्त अन्य चार आरोपियों में से तीन अरूण चौधरी, श्रीमती राजकुमारी जैन व श्रीमती उर्मिला व हुकुमचंद जैन में से हुकुमचंद जैन को दोषमुक्त किया गया वहीं अन्य तीन आरोपियों की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। सरकार की ओर सेपैरवी लोक अभियोजक शकील अहमद ने की।

क्या पाया

प्रथम अपर सत्र न्यायधीश ने गवाहों के बयान और जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि ममता जैन की मौत के पीछे दहेज का मामला था। दहेज के पैसों की मांग को लेकर उसे प्र्रताडित किया जाता रहा। मौत के बाद भी किसी ने जिम्मेदारी लेनी चाही। मौत के सबब को भी छिपाया गया।

क्या था मामला

प्रतापगंज वार्ड निवासी चौधरी परिवार में 7 मार्च 1992 को इंद्रकुमार चौधरी की शादी ममता जैन से हुई।

इसके एक माह दस दिन के बाद ही 17 अप्रेल 1992 को ममता जैन की मौत हो गई। मृतिका का शव अस्पताल के चीरघर के पास पाया गया था। इसके बाद मृतिका के पिता ने आरोप लगाया था कि शादी से पहले दहेज के नाम पर पचास हजार रूपए देने की बात हुई और शादी के बाद अधिक पैसों की मांग को लेकर उनकी बेटी को प्रताडित किया जाता रहा। बीस सालों के बाद इस मामले को लेकर फैसला आया इस दौरान 18 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

ये था फैसला

ममता जैन के पति इंद्रकुमार को 498 अ के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रूपए अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं पटाने पर छ: माह अतिरिक्त कारावास, भादंवि की धारा 304 बी के तहत दोषी पाते दस वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रूपए का अर्थदण्ड व 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का दोषी मानते पांच वर्ष सश्रम कारावास व पंद्रह हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर तीन माह अतिरिक्त सश्रम कारावास का आदेश दिया गया है।

वहीं दामाद उदयभान चौधरी को 498 अ के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रूपए अर्थदण्ड , अर्थदण्ड नहीं पटाने पर छ: माह अतिरिक्त कारावास, भादंवि की धारा 304 बी के तहत दोषी पाते दस वर्ष सश्रम कारावास व दो
हजार रूपए का अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

अर्थदण्ड नहीं अदा करने पर दो वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावस के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। केस की सुनवाई के दौरान जितने दिन जिस आरोपी ने जेल में काटे हैं उन्हें इस सजा से रियायत मिलेगी। मामले के अन्य अभ्युक्त ससुर को दोषमुक्त किया गया।

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