"संदेश यात्रा के लिए पैसा ले रहे विधायक"
सुमेरपुर/बाली। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने सरकारी विज्ञापनों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि साढे चार साल से नींद में सोई सरकार को जगाने के लिए कांग्रेस के ही विधायक टावर पर चढ़ रहे हैं। मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं और कांग्रेस की संदेश यात्रा के लिए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों से विधायक डीजल व पैसा ले रहे हैं।
ऎसा भी पहली बार हो रहा है। राजे ने पाली जिले के सुमेरपुर और बाली कस्बों में जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
राजे ने कहा कि आज हमारा पड़ौसी प्रदेश गुजरात खुशहाल है और हमारा प्रदेश बदहाल। क्योंकि कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश पर नहीं खुद पर ध्यान दिया। मौजूदा सरकार साढे चार साल तक सोती रही और विकास हमसे बहुत दूर हो गया। आज जब हम गुजरात जाकर वापस राजस्थान लौटते हैं तो जमीन आसमान का फर्क नजर आता है। उन्होंने वादा किया कि भाजपा सरकार बनी तो गुजरात से राजस्थान को पीछे नहीं रहने देगी।
राजे ने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार गरीबों का मजाक उड़ा रही है। कह रही है कि शहर में 33 रूपए और गांव में 27 रूपए खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। यह भी कह रही है कि देश की गरीबी के अनुपात मे लगातार गिरावट आई है। जबकि सच्चाई यह है कि आज भी देश की 70 प्रतिशत आबादी गरीबी सीमा रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
सुमेरपुर/बाली। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने सरकारी विज्ञापनों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि साढे चार साल से नींद में सोई सरकार को जगाने के लिए कांग्रेस के ही विधायक टावर पर चढ़ रहे हैं। मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं और कांग्रेस की संदेश यात्रा के लिए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों से विधायक डीजल व पैसा ले रहे हैं।
ऎसा भी पहली बार हो रहा है। राजे ने पाली जिले के सुमेरपुर और बाली कस्बों में जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
राजे ने कहा कि आज हमारा पड़ौसी प्रदेश गुजरात खुशहाल है और हमारा प्रदेश बदहाल। क्योंकि कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश पर नहीं खुद पर ध्यान दिया। मौजूदा सरकार साढे चार साल तक सोती रही और विकास हमसे बहुत दूर हो गया। आज जब हम गुजरात जाकर वापस राजस्थान लौटते हैं तो जमीन आसमान का फर्क नजर आता है। उन्होंने वादा किया कि भाजपा सरकार बनी तो गुजरात से राजस्थान को पीछे नहीं रहने देगी।
राजे ने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार गरीबों का मजाक उड़ा रही है। कह रही है कि शहर में 33 रूपए और गांव में 27 रूपए खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। यह भी कह रही है कि देश की गरीबी के अनुपात मे लगातार गिरावट आई है। जबकि सच्चाई यह है कि आज भी देश की 70 प्रतिशत आबादी गरीबी सीमा रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
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