पहले दिन टूटा "मनपसंद" साइकिल का सपना
जयपुर। राजस्थान में शासन के 4 साल पूरे होने पर कांग्रेस की गहलोत सरकार ने मनपसंद साइकिल के जो सपने गर्ल स्टूडेंट्स को दिखाए थे वे गुरूवार को चकनाचूर हो गए। मनपसंद साइकिल की आस लिए जो लड़कियां बाजार पहुंची उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
दरअसल,मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना के तहत सरकार ने सरकारी स्कूल की गर्ल स्टूडेंट्स को पहले साइकिल और फिर "मनपसंद" साइकिल के लिए चैक वितरण शुरू किया है। गुरूवार को ही मुख्यमंत्री अशोक ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में स्टूडेंट्स को चैक बांटे भी लेकिन जब पैरेंट्स के साथ लड़कियां बाजार पहुंची तो 2500 रूपए की रकम एक साइकिल के लिए कम पड़ गई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री जब इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान में योजना के तहत चैक बांट रहे थे पत्रिका डॉट कॉम ग्राउंड रिपोर्ट के लिए प्रदेश के सबसे बड़े साइकिल बाजार में व्यापारियों से साइकिल के कीमतों का जायजा ले रहा था। किशनपोल बाजार में दर्जनों साइकिल कारोबारी और डीलर्स से बातचीत की गई लेकिन कोई दुकानदार 2500 रूपए में एक अदद साइकिल देने को तैयार नहीं हुआ।
"सरकार को लौटा दुंगी पैसे"
बाजार में कीमते सुन डॉट कॉम की टीम अब इनके असली खरीददार यानी सरकारी स्कूल की 9वीं क्लास की उन स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की प्रतिक्रया जानना चाहती थी। ऎसे में मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना से आस लगाए बैठा एक ग्रामीण परिवार और उनकी दो बेटियां(राजू-क्लास 9 और आशा-क्लास -9) से मुृलाकात हुई। उनकी दादी सोनी देवी(55) उनके साथ थी लेकिन साइकिल की कीमत सुन उन्होंने बेटियों को साइकिल दिलाने से इनकार कर दिया और वापस गांव लौटने लगी।
दरअसल,राजू और आाशा अपनी दादी को इस बात पर मना कर शहर लाई थी कि सरकार साइकिल के पैसे दे रही है और जल्द ही बैंक से रूपए मिल जाएंगे। लेकिन उनकी दादी नहीं मानी क्यों कि दुकानदार ने दो साइकिलों के कीमत 7 हजार रूपए बताई और सरकार से मिलने वाले है महज 5 हजार रूपए। ऎसे में सोनी देवी ने कहा कि जब साइकिल ही नहीं खरीद सकती तो साइकिल के लिए मिलने वाले पैसे मैं वापस लौटा दूंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा खरीदो मनपसंद साइकिल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को प्रदेशभर में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और साईकिल के लिए चैक वितरित कर पांच दिवसीय (25 से 29 जुलाई) अभियान शुरू किया। यहां इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान में इसकी शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लड़कियों को साइकिल के लिए चैक इसलिए वितरित कर रही है ताकि वे अपनी मनपसंद साइकिल खरीद सकें।
घटिया साइकिल भी नहीं मिलेगी
राजस्थान साइकिल डीलर्स एसोसिएशन(रजि.) के कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार लाल ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि लड़कियों के लिए साइकिल(लेडीज) की शुरूआत ही 3 हजार रूपए की कीमत से होती है। ऎसे में यदि किसी अच्दे ब्रांड की साइकिल खरीदी जाए तो यह कीमत 3.5 से 4 हजार या अधिक भी जा सकती है।
साइकिल वितरण अभियान फैक्ट फाइल
योजना की घोषणा - गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर
किनको मिलेगी साइकिल - 8वीं पास कर 9वीं क्लास में प्रवेश पर
कितनी स्टूडेंट्स को मिलेंगी - 4 लाख स्टूडेंट्स को (पिछले शैक्षणिक सत्र की 1.62 लाख व चालू सत्र की 2.5 लाख स्टूडेंट्स)
(उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना में सरकारी स्कूल में पढ़ने आने वाली 9वीं की छात्राओं को 100 रूपए अंशदान पर साइकिल दी जाती थी)
जयपुर। राजस्थान में शासन के 4 साल पूरे होने पर कांग्रेस की गहलोत सरकार ने मनपसंद साइकिल के जो सपने गर्ल स्टूडेंट्स को दिखाए थे वे गुरूवार को चकनाचूर हो गए। मनपसंद साइकिल की आस लिए जो लड़कियां बाजार पहुंची उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
दरअसल,मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना के तहत सरकार ने सरकारी स्कूल की गर्ल स्टूडेंट्स को पहले साइकिल और फिर "मनपसंद" साइकिल के लिए चैक वितरण शुरू किया है। गुरूवार को ही मुख्यमंत्री अशोक ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में स्टूडेंट्स को चैक बांटे भी लेकिन जब पैरेंट्स के साथ लड़कियां बाजार पहुंची तो 2500 रूपए की रकम एक साइकिल के लिए कम पड़ गई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री जब इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान में योजना के तहत चैक बांट रहे थे पत्रिका डॉट कॉम ग्राउंड रिपोर्ट के लिए प्रदेश के सबसे बड़े साइकिल बाजार में व्यापारियों से साइकिल के कीमतों का जायजा ले रहा था। किशनपोल बाजार में दर्जनों साइकिल कारोबारी और डीलर्स से बातचीत की गई लेकिन कोई दुकानदार 2500 रूपए में एक अदद साइकिल देने को तैयार नहीं हुआ।
"सरकार को लौटा दुंगी पैसे"
बाजार में कीमते सुन डॉट कॉम की टीम अब इनके असली खरीददार यानी सरकारी स्कूल की 9वीं क्लास की उन स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की प्रतिक्रया जानना चाहती थी। ऎसे में मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना से आस लगाए बैठा एक ग्रामीण परिवार और उनकी दो बेटियां(राजू-क्लास 9 और आशा-क्लास -9) से मुृलाकात हुई। उनकी दादी सोनी देवी(55) उनके साथ थी लेकिन साइकिल की कीमत सुन उन्होंने बेटियों को साइकिल दिलाने से इनकार कर दिया और वापस गांव लौटने लगी।
दरअसल,राजू और आाशा अपनी दादी को इस बात पर मना कर शहर लाई थी कि सरकार साइकिल के पैसे दे रही है और जल्द ही बैंक से रूपए मिल जाएंगे। लेकिन उनकी दादी नहीं मानी क्यों कि दुकानदार ने दो साइकिलों के कीमत 7 हजार रूपए बताई और सरकार से मिलने वाले है महज 5 हजार रूपए। ऎसे में सोनी देवी ने कहा कि जब साइकिल ही नहीं खरीद सकती तो साइकिल के लिए मिलने वाले पैसे मैं वापस लौटा दूंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा खरीदो मनपसंद साइकिल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को प्रदेशभर में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और साईकिल के लिए चैक वितरित कर पांच दिवसीय (25 से 29 जुलाई) अभियान शुरू किया। यहां इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान में इसकी शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लड़कियों को साइकिल के लिए चैक इसलिए वितरित कर रही है ताकि वे अपनी मनपसंद साइकिल खरीद सकें।
घटिया साइकिल भी नहीं मिलेगी
राजस्थान साइकिल डीलर्स एसोसिएशन(रजि.) के कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार लाल ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि लड़कियों के लिए साइकिल(लेडीज) की शुरूआत ही 3 हजार रूपए की कीमत से होती है। ऎसे में यदि किसी अच्दे ब्रांड की साइकिल खरीदी जाए तो यह कीमत 3.5 से 4 हजार या अधिक भी जा सकती है।
साइकिल वितरण अभियान फैक्ट फाइल
योजना की घोषणा - गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर
किनको मिलेगी साइकिल - 8वीं पास कर 9वीं क्लास में प्रवेश पर
कितनी स्टूडेंट्स को मिलेंगी - 4 लाख स्टूडेंट्स को (पिछले शैक्षणिक सत्र की 1.62 लाख व चालू सत्र की 2.5 लाख स्टूडेंट्स)
(उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना में सरकारी स्कूल में पढ़ने आने वाली 9वीं की छात्राओं को 100 रूपए अंशदान पर साइकिल दी जाती थी)
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