"मोदी मुंह ना खोलें तो ही अच्छा"
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भी बोलते हैं,विवाद खड़ा हो जाता है। गुजरात दंगों के संबंध में मोदी ने एक समाचार एजेंसी को साक्षात्कार दिया तो कांग्रेस सहित सभी विरोधी दलों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
रविवार को मोदी ने पुणे में धर्मनिरपक्षेता को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला तो दांव उल्टा पड़ा गया। मोदी के बयानों को लेकर जारी विवाद से भाजपा के कई नेता भी परेशान हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने इशारों ही इशारों में मोदी को मुंह बंद रखने की सलाह दी है।
सिन्हा ने कहा कि मोदी के विवादित बयानों के कारण लोगों का कांग्रेस के भ्रष्टाचार से ध्यान भटक जाएगा। मोदी जितना ज्यादा बोलेंगे उतना ही कांग्रेस के कुशासन से ध्यान भटकेगा। बकौल सिन्हा मोदी को परेशान करने वालों का क्लीयर गेम प्लान है। वह जितना ज्यादा बोलेंगे उतना विवाद होगा।
इससे कुशासन और भ्रष्टाचार से ध्यान भटककर उस पर केन्द्रित हो जाएगा जो 11 साल पहले गुजरात में हुआ था। कांग्रेस को एजेंडा बदलने की अनुमति देना और उसे अपनी शर्तो पर बहस करने देना बहुत बड़ी गलती होगी। सिन्हा ने यह बयान कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की उस टिप्पणी के बाद दिया है जिसमें उन्होंने मोदी से पूछा था कि वह अपनी धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा बताएं।
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