लखनऊ।। भले ही बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय नेता यह कह रहे हैं कि राम मंदिर उनके चुनावी अजेंडे में नहीं है, लेकिन पार्टी के यूपी के अध्यक्ष का कहना है कि पूर्ण बहुमत मिलने पर हम संविधान संशोधन कर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाएंगे। यूपी उत्तर बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि यदि 2014 के आम चुनाव में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला, तो जिस तरह डॉ. राजेंद्र प्रसाद के समय में संविधान में संशोधन कर सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया गया था, उसी तरह बीजेपी भी राम मंदिर बनवाएगी। वाजपेयी ने साफ तौर पर कहा कि गठबंधन धर्म की मजबूरियों और पूर्ण बहुमत न मिलने की वजह से ही आज तक राम मंदिर नहीं बन पाया। वाजपेयी ने ये बातें एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं।
राम मंदिर आस्था का विषय है
वाजपेयी ने कहा कि राम मंदिर आस्था का विषय है। मंदिर आंदोलन की शुरुआत विश्व हिंदू परिषद ने की थी। बाद में पार्टी द्वारा यह नारा भी दिया गया कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। मंदिर वहां तभी स्थापित होता जब वहां का स्थान खाली होता। हिंदू समाज की वजह से ही वह स्थान खाली हो पाया है। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वाजपेयी ने कहा कि हिंदुत्व ही राष्ट्रवाद है, राष्ट्रवाद ही हिंदुत्व है। भारत माता के दुख में दुखी और सुख में सुखी होने वाला हर पंथ और धर्म का व्यक्ति राष्ट्रवादी हो सकता है।
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर वाजपेयी ने कहा कि चुनाव सुशासन, विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा। इसके अलावा महंगाई, करप्शन एवं आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी प्रमुख मुद्दा बनेगा।
यूपी में मिल सकती हैं 50 से अधिक सीटें
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर वाजपेयी ने कहा कि चुनाव सुशासन, विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा। इसके अलावा महंगाई, करप्शन एवं आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी प्रमुख मुद्दा बनेगा।
यूपी में मिल सकती हैं 50 से अधिक सीटें
अगले आम चुनाव में पार्टी कितनी सीटें जीत सकती हैं? इस सवाल पर वाजपेयी ने कहा, 'अभी आगे-आगे देखते जाइए। अभी तक तो जो सर्वे रिपोर्ट आ रही हैं उनमें हम अन्य पार्टियों से काफी आगे हैं। हम आपसे यह दावे के साथ कह सकते हैं, यह स्थिति अभी पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी के यहां न पहुंचने से पहले की है। जिस दिन मोदी की सभाएं यूपी में होना शुरू हो जाएंगी उस दिन से विपक्षियों की नींद हराम हो जाएगी। पार्टी 50 से अधिक सीटों पर अपना परचम लहरा सकती है।' पार्टी के भीतर गुटबाजी के बारे में पूछे जाने पर वाजपेयी ने कहा, 'पार्टी के भीतर ऐसी स्थिति नहीं है। गुटबाजी होती तो हम नगर निगम चुनावों में बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाते। लोकसभा का चुनाव यहां हर नेता के लिए अपना अस्तित्व बचाने की तरह है। चूक हुई तो इसका खामियाजा सबको एक साथ भुगतना पडे़गा।'
दिग्विजय जैसे लोग हिंदू नहीं हो सकते
दिग्विजय जैसे लोग हिंदू नहीं हो सकते
वाजपेयी से यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि वह भी हिंदू हैं और रोज मंदिर जाते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो हिंदुओं से जुडे़ सांस्कृतिक केंद्रों पर जाता हो लेकिन अपने आचार, विचार और व्यवहार में उसे लागू न करता हो वह व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता। उन्होंने बड़े ही तीखे अंदाज में कहा कि बटला हाउस मुठभेड़ के आरोपियों के घर जाकर छाती पीटकर प्रलाप करने वाला व्यक्ति हिंदू कतई नहीं हो सकता है।
यूपी में मुस्लिम तुष्टीकरण
यूपी में मुस्लिम तुष्टीकरण
सूबे की अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए वाजपेयी ने कहा कि मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठा और हर योजनाओं में लाभ पहले मुस्लिमों को दिया जा रहा है। यह मुद्दा भी चुनाव के दौरान प्रमुखता से उठाया जाएगा। इसके अलावा सूबे में गिरती कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी अहम भूमिका निभाएगा।
त्रिस्तरीय रिजर्वेशन का विरोध
त्रिस्तरीय रिजर्वेशन का विरोध
रिजर्वेशन के मुद्दे पर वाजपेयी ने कहा कि सरकार को पहले वाली व्यवस्था लागू करनी चाहिए। पार्टी त्रिस्तरीय रिजर्वेशन व्यवस्था का सख्त विरोध करेगी। पहले रिजर्वेशन सिर्फ इंटरव्यू में दिया जाता था, लेकिन नियम में परिवर्तन कर इसे त्रिस्तरीय बना दिया गया है, जो कि गलत है।
माया जिस थाली में खाती हैं उसी में छेद करती हैं
माया जिस थाली में खाती हैं उसी में छेद करती हैं
वाजपेयी से यह पूछे जाने पर कि बीएसपी की मुखिया मायावती ने कुछ दिनों पहले ही सार्वजनिक मंच से बजरंग दल जैसे संगठनों पर बैन लगाने की मांग की थी, इस पर उन्होंने कहा, 'मायावती जिस थाली में खाती हैं, उसी में छेद करती हैं। उनको तो शर्म आनी चाहिए। मायावती में दम है तो केंद्र सरकार से कहकर बजरंग दल पर बैन लगवा दें या फिर केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें।'
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