कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे जॉर्जिया में भावी दुल्हनों को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है। इस पारंपरिक ईसाई देश में शादी से पहले कुंवारेपन की पुरातनपंथी मानसिकता गहराई से जड़ें जमाई हुए हैं। हालांकि वर्जिनिटी टेस्ट के खिलाफ आवाजें भी उठ रही हैं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्जिया फॉरेंसिक ब्यूरो में इस टेस्ट के लिए भावी दुल्हनों से 69 पाउंड यानी करीब छह हजार रुपये लिए जा रहे हैं। अगर टेस्ट के नतीजे जल्दी चाहिए, तो इसके लिए ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं। जॉर्जिया के लोगों की जेब पर यह टेस्ट भारी पड़ रहा है। टेस्ट का खर्चा उनके औसत मासिक खर्च के बराबर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्जिनिटी टेस्ट के लिए भावी दुल्हनें अपने रिश्तेदारों, बॉयफ्रेंड्स और यहां तक की अपनी भावी सास के साथ आती हैं। इमेडी टीवी के मुताबिक, 'कई मामलों में टेस्ट मन मुताबिक रहने पर वे खुशी-खुशी लौटती हैं।'शनिवार को रेवलेशन क्रिस्चिन चर्च के एक कार्यक्रम में 104 टीनेजर ने स्वेच्छा से अपना वर्जिनिटी टेस्ट करवाया। चर्च के पास्टर के मुताबिक टेस्ट का मकसद लड़कियों को एचआईवी, ऐड्स जैसे यौन रोगों से बचाना है। उन्होंने कहा कि चर्च को उम्मीद है कि टेस्ट के लिए और लड़कियां भी आगे आएंगी। वर्जिनिटी टेस्ट के लिए चर्च की ओर से बकायदा महिलाओं की एक टीम बनाई गई है।
पास्टर ने कहा, हम इसके लिए उन पर दबाव नहीं डालते हैं। वर्जिनिटी टेस्ट पास करने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट और एक खूबसूरत ड्रेस दी जाती है। उन्हें टेस्ट के पैसे भी नहीं देने पड़ते। उधर, कुछ महिलाएं इस टेस्ट के विरोध में भी खड़ी हो गई हैं। एक महिला ने कहा कि अगर उन्हें यह करने के लिए कहा गया तो वह हरगिज ऐसा नहीं करेंगी। अगर मुझे किसी के साथ सारी जिंदगी गुजारनी है, तो उसे मुझ पर भरोसा करना चाहिए।
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