नाडी में डूबने से तीन बच्चों की मौत
कुचेरा। कुचेरा थाना क्षेत्र के भावला गांव में सोमवार शाम नाडी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया व शाम घरों में चूल्हे नहीं जले। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे। पुलिस के अनुसार तेजाराम (11) पुत्र पप्पूराम नायक, दिनेश (10) पुत्र पूराराम नायक, नरपत (12) पुत्र बाबूलाल नायक सोमवार को घर से बकरियां चराने के लिए गए। शाम साढ़े 5 बजे गांव से पूर्व दिशा में स्थित मायली नाडी में नहाने के लिए उतर गए। इस दौरान नाडी में डूबने से तीनों ही बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में शव निकलवा कुचेरा के राजकीय चिकित्सालय पहंुचाया गया।
नहीं बचा पाए
बच्चों को नाडी में डूबता देख मानसिंह पुत्र विक्रम सिंह राजपूत व बाबूलाल मेघवाल बचाने के लिए दौड़े। पानी गहरा होने के कारण बच्चों को बचाने में सफलता नहीं मिल पाई।
स्कूल के बाद निकले थे बकरियां चराने
ग्रामीण देवीलाल जाट, भगवान सिंह, करण सिंह आदि ने बताया कि दिनेश व नरपत दोनों स्कूल में पढते हैं। दोपहर में स्कूल की छूट्टी के बाद वे बकरियां चराने निकले। तेज गर्मी व उमस के कारण तीनों ने नाडी में नहाने का मानस बना लिया।
बुझ गया दीपक
दिनेश अपने माता-पिता के इकलौती संतान था। शाम को नाडी में डूबने के समाचार मिले तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
कुचेरा। कुचेरा थाना क्षेत्र के भावला गांव में सोमवार शाम नाडी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया व शाम घरों में चूल्हे नहीं जले। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे। पुलिस के अनुसार तेजाराम (11) पुत्र पप्पूराम नायक, दिनेश (10) पुत्र पूराराम नायक, नरपत (12) पुत्र बाबूलाल नायक सोमवार को घर से बकरियां चराने के लिए गए। शाम साढ़े 5 बजे गांव से पूर्व दिशा में स्थित मायली नाडी में नहाने के लिए उतर गए। इस दौरान नाडी में डूबने से तीनों ही बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में शव निकलवा कुचेरा के राजकीय चिकित्सालय पहंुचाया गया।
नहीं बचा पाए
बच्चों को नाडी में डूबता देख मानसिंह पुत्र विक्रम सिंह राजपूत व बाबूलाल मेघवाल बचाने के लिए दौड़े। पानी गहरा होने के कारण बच्चों को बचाने में सफलता नहीं मिल पाई।
स्कूल के बाद निकले थे बकरियां चराने
ग्रामीण देवीलाल जाट, भगवान सिंह, करण सिंह आदि ने बताया कि दिनेश व नरपत दोनों स्कूल में पढते हैं। दोपहर में स्कूल की छूट्टी के बाद वे बकरियां चराने निकले। तेज गर्मी व उमस के कारण तीनों ने नाडी में नहाने का मानस बना लिया।
बुझ गया दीपक
दिनेश अपने माता-पिता के इकलौती संतान था। शाम को नाडी में डूबने के समाचार मिले तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
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