गुरुवार, 25 जुलाई 2013

फर्जी नाम से लिया भुगतान, लगाई 23 लाख की चपत

फर्जी नाम से लिया भुगतान, लगाई 23 लाख की चपत

जोधपुर। लूणी उप कोषागार के अधीन राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा विश्नोई में कुछ कर्मचारियों ने ऎसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों के छुटि्टयों के बिल बनाकर 23 लाख रूपए का भुगतान उठा लिया, जिनका वास्तव में अस्तित्व ही नहीं था। इस फर्जीवाड़े में पांच छह कर्मचारी लिप्त बताए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल शाहनवाज नामक एक लिपिक का नाम सामने आया है। सम्बन्घित कर्मचारियों ने बुधवार को 9 लाख 60 हजार रूपए जमा करा दिए।

अब तक ऎसे पांच बिलों का भुगतान उठाया भी जा चुका है। जिले की अन्य स्कूलों में भी ऎसे फर्जीवाड़े की आशंका को देखते हुए जिला कलक्टर ने कोषाधिकारी ग्रामीण और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को सम्पूर्ण मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग ने फिलहाल आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जिला कोषाधिकारी ग्रामीण तेजसिंह शेखावत ने बताया कि राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा विश्नोई के कुछ कर्मचारियों ने वर्ष 2011 से 13 के बीच पांच विभिन्न बोगस नाम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के नाम बिल तैयार कर छुट्टी मद में करीब 23 लाख रूपए की राशि आहरित कर ली।

छठे मामले में उन्होंने किसी रेणुका पंवार के फर्जी नाम से शारीरिक शिक्षिका का छुट्टी मद का तैयार कर उप कोषालय में भेज दिया। जबकि ऎसी नाम की कोई कर्मचारी स्कूल में थी ही नहीं। बिल जब भुगतान के लिए बैंक गया तो वहां इस फर्जी कर्मचारी का खाता संख्या का मिलान नहीं हुआ। बैंक ने मामला वापस कोषाधिकारी को भेजा, तब उन्होंने इस फर्जीवाड़े को पकड़ा। जालसाजी का यह खेल गत 15 जुलाई को पकड़ा गया। मामला पकड़ में आने के बाद सम्बन्घित कर्मचारियों ने अब ईमानदारी दिखाते हुए 9 लाख 60 हजार रूपए जमा करा दिए।

अफसरों पर भी है संदेह की सुई
फर्जी नाम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की छुटि्यों का भुगतान उठाने के फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग के कई बाबू ही कुछ अफसरों पर भी संदेह की सुई उठ रही है। जानकारों का मामना है कि बिना अधिकारियों की मिली भगत के फर्जी बिल बनाए ही नहीं जा सकते। इधर लूणी उपकोषागार के गुढ़ा विश्नोई के जिस स्कूल में फर्जी बिल का मामला पकड़ में अया है, वहां एलडीसी शाहनवाज के साथ और शिक्षा विभाग के कई अन्य बाबुओं के लिप्त होने की जानकारी जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह के गबन शेरगढ़, बालेसर, भोपालगढ़ सहित और भी कई भी पंचायत समितियों में किए गए हैं। वहीं हाल में लूणावास कला से मोगड़ा स्कूल में स्थानांतरित हुए एक और बाबू का नाम आरोपी के साथ जोड़ा जा रहा है।

इन पर नियंत्रण नहीं
जिला कोषाधिकारी ग्रामीण के अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के छुट्टी बजट का नियंत्रण नहीं होने से ऎसी जालसाजी पकड़ में नहीं आती। जिले में फिलहाल एक स्कूल में ऎसे प्रकरण उजागर हुए हैं, लेकिन अन्य कार्यालयों में भी ऎसी जालसाजी की जांच कराई जाएगी।

जांच के निर्देश
कलक्टर ने मामले की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी मा.शि. गजरा चौधरी एवं जिला कोषाधिकारी ग्रामीण को निर्देश दिए। साथ ही मामले की प्रतिदिन मॉनिटरिंग को कहा। मामले की अब तक हुई जांच में करीब 23 लाख रूपए का भुगतान गलत तरीके से होना पाया गया है।

कई बड़ी गड़बडियां है
मेरी जांच के अनुसार एलडीसी शाहनवाज ने कई बड़ी गड़बडियां की है। अभी फिलहाल में ज्यादा नहीं बता सकती।
- गजरा चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)

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