सोमवार, 29 जुलाई 2013

अब लिम्का बुक रिकोर्ड से दो कदमो की दूरी पर …



अब लिम्का बुक रिकोर्ड से दो कदमो की दूरी पर …

- जल चेतना का अनूठा करवा , बच्चे हो रहे है रोमांचित
- मोर्डन स्कुल में हुआ आयोजन,विजेताओ को मिले पुरष्कार


बाड़मेर बचपन में जिस सांपसीढ़ी के खेल से हम और आप रूबरू हुए थे उसी सांपसीढ़ी से खेल-खेल में पानी बचाने का दिया जा रहा सन्देश अब देश के सबसे बड़े रिकोर्ड को अपने अंदर समेटने वाली लिम्का बुक ऑफ़ रिकोर्ड से महज दो कदमो के फासले पर है पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में राजस्थान सरकार के जलदाय विभाग की सीसीडीयू इकाई द्वारा बनाई यह अनूठी सांपसीढ़ी जल्द ही लिम्का बुक रिकोर्ड ऑफ़ इंडिया का हिस्सा बनने जा रही है जहा इस इस सांपसीढ़ी पर एक साथ तिन सों लोग खड़े हो सकते है व्ही इस साप सीढ़ी का कुल क्षेत्र फल है सांपसीढ़ी है 900 वर्ग फिट.इस सासीढ़ी के माध्यम से बच्चो में जल चेतना के सन्देश को सम्प्रेषित करने का करवा सोमवार की रोज भी जारी रहा . सोमवार को बाड़मेर के मोर्डन स्कुल में खे-खेल में ज्ञान कार्यकर्म का आयोजन किया गया

जल ही जीवन है ओर जल बिन सब सून है , आज की जरूरत है पानी की एक एक बूंद को बचने की . इसी बात को खेल खेल के माध्यम से लोगो के बीच फेलाने के लिए राजस्थान सरकार के जलदाय की सी सी डी यू इकाई ने रेतीले बाड़मेर में अख्तियार किया है एक अनूठा तरीका . बाड़मेर में इन दिनों यही अनूठा तरीका लोगो को बता रहा है जल बचाओ-कल बचाओ . बाड़मेर में खेल खेल में पानी बचाने के सन्देश को देने के लिए बने गई है देश की सबसे बड़ी सांपसीढ़ी . और इसी सांपसीढ़ी के माध्यम से अपनी बात बच्चो के बीच रखने का काम किया जा रहा है . देश की सबसे बड़ी इस सांपसीढ़ी पर एक साथ तीन सो के करीब लोग खड़े हो सकते है और इसका क्षेत्रफल है नो सो वर्ग फिट . सीसीडीयू इकाई के आईइसी अनुभाग द्वारा बने इस सांपसीढ़ी को खेलने के दोरान बच्चे पानी बचाने के सन्देश को सह्जता से सीख रहे है . बच्चो के लिए देश की सबसे बड़ी सांपसीढ़ी जहा किसी अजूबे से कम नही है वही इस खेल में खेलने वालो के साथ साथ दर्शक बने बच्चे भी कम रोमाचित नजर नही आ रहे . इस खेल को खेलकर जल बचाने की सीख लेने वाली मोर्डन स्कुल की विधार्थी जय बताती है की सही मायने में इस सांपसीढ़ी के खेल का हिस्सा बनना एक रोमाचक अनुभव होने के साथ साथ बहुत कुछ सीखा भी गया .सही मायने में यह विशाल साप सीढ़ी जल चेतना का विशाल ज्ञान बाँटने का आधार है .अपने आप में इस अनूठी सांपसीढ़ी में जहा पानी को बचाने और उसके अपव्यय को रोकने के ख़ास चित्र अंकित है वहा पर सीढिया बनाई गई है जो की प्रतियोगी को उपरी स्तर तक पहुचती है वही जहा - जहा पानी को व्यर्थ बहाने के सम्बंधित चित्र है वह साप प्रतियोगी को काट लेता है और उसके अंक नीचे हो जाता है . इस खेल के दोरान जलदाय विभाग के अधिकारी बच्चो पानी को बचाने के सन्देश देने के साथ साथ उन्हें खेल की बारीकियो के बारे में भी बता रहे है . इस खेल में पानी के महत्व को बेहतरीन तरीके से समझने वाले सातवी के विधार्थी लक्षित के मुताबित इस सांपसीढ़ी ने जितना खेल में रोमांच दिया उतना ही कुछ सीखने को भी मिला .राजस्थान सरकार जलदाय विभाग के सीसीडीयू इकाई के आईइसी अनुभाग में कार्यरत आईइसी कंसल्टेट अशोक सिंह इस साप सीढ़ी के निर्माता है और वह इसे एक अभिनव पहल के साथ साथ बेहद आसानी से लोगो में पानी बचाने का सन्देश देने वाला जरिया बताते है . उनके मुताबित अब तक देश की सबसे बड़ी साप सीढ़ी 729 वर्ग फिट की है और बाड़मेर में बनी साप सीढी का क्षेत्रफल 900 वर्ग फिट है . उन्होंने इसका आवेदन लिम्का बुक ऑफ़ रिकोर्ड के लिए भेज दिया है जिसके इंद्राज की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है . देश बरसो से पानी का अपव्यय बड़ी समस्या चुनोती के रूप में है और इसे में खेल खेल में जल बचत का सन्देश दे रही यह साप सीढ़ी ख़ास बन पड़ी है अपने सन्देश और आपने आकर के चलते .




विजेताओ को नवाजा इनामो से
बाड़मेर / जलदाय विभाग के सीसीडीयू इकाई के आईइसी अनुभाग द्वारा जिले भर में चलाये जा रहे जल चेतना कार्यक्रमों की फ़ेहरिश्त में जुड़े नए आयाम खेल खेल में साप सीढ़ी का आयोंजन सोमवार को मोर्डन स्कुल में आयॉजित किया गया जिसमे जया , लक्षित कुमार ,राघव भावेश ,वैभव , मीनाक्षी ,पूजा, दिपियानी ,गरिमा को इनामो से नवाजा गया .इस मोके पर मोर्डन स्कुल की प्राचार्य नवनीत पचोरी ने बच्चो को जल बचाने के विभिन्न तरीको के बारे में विस्तार से बताया . इस कार्यक्रम में प्रवीन बोथरा , प्रथ्वीराज सिंह , नारायणा राम , उगा राम ने निर्णयको और सहयोगी की भूमिका अदा की .


जिले के सेकड़ो स्कुलो में होगे आयोजन
जल चेतना को लेकर राज्य भर में काम कर रही जलदाय विभाग के सीसीडीयू इकाई के आईइसी अनुभाग द्वारा जिले में कई तरह के आयोजनों के माध्यम से जनता में जल चेतना की बात फेलाई जा रही है . सीसीडीयू इकाई के आईइसी अनुभाग में कार्यरत आईइसी कंसल्टेट अशोक सिंह ने बताया कि बाड़मेर में खेल खेल में ज्ञान कार्यक्रम को जिले के सेकड़ो विधालयो में आयोजित किया जायेगा . साथ ही इस ख़ास कार्यक्रम को जिले के आवाशीय मदरसों में भी आयोजित किया जायेगा

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