सोमवार, 22 जुलाई 2013

एक जाजम पर बैठे जनप्रतिनिधि सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ में दी आहुति



एक जाजम पर बैठे जनप्रतिनिधि


सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ में दी आहुति



पचपदरा में रिफाइनरी शिफ्ट होने की कवायद से निराश हुए बाड़मेर के लोगों को फिर से लीलाला में रिफाइनरी की आस जगी है। कांग्रेस नेताओं ने जमीन अवाप्ति के लिए लीलाला के किसानों से चर्चा की।

रविवार को बालाजी फार्म हाऊस में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, सांसद हरीश चौधरी, जिला प्रमुख मदन कौर की मौजूदगी में आयोजित बैठक में सकारात्मक विचार विमर्श किया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने लीलाला के किसानों से 24 जुलाई को वार्ता करने का आश्वासन दिया। अगर किसान जमीन अवाप्ति को तैयार हो गए तो मंत्री व सांसद राज्य सरकार के सामने रिफाइनरी का मुद्दा रखते हुए लीलाला की पैरवी करेंगे।

बैठक में सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि मैंने बीते चार साल में सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया है। रिफाइनरी के लिए लीलाला में रिफाइनरी के लिए पहले किसान सहमत हो जाए। उन्होंने साफ किया कि मैंने पचपदरा में रिफाइनरी क्षेत्र में एक बीघा जमीन नहीं खरीदी है। भाजपा के नेता राजनीति कर रहे हैं।

चौधरी ने आश्वस्त किया कि किसान जमीन देने को तैयार हो तो सरकार के समक्ष लीलाला में रिफाइनरी का मुद्दा रखा जाएगा। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि मेरे लिए पूरा जिला एक समान है। लीलाला में जमीन अवाप्ति के विरोध के चलते पचपदरा का विकल्प तलाशा गया है। जिला प्रमुख मदन कौर ने कहा कि रिफाइनरी को लेकर विवाद खड़ा करने की बजाय एकजुट होकर कोई निर्णय करें ताकि सरकार से वार्ता की जा सके। जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतेह खां ने कहा कि रिफाइनरी के मुद्दे पर लीलाला के किसानों के साथ है।

पहले सब लोगों से वार्ता करें ताकि कोई निर्णय लिया जा सके। कांग्रेस नेता डॉ. रमन चौधरी ने कहा कि लीलाला के किसानों के साथ इंसाफ होना चाहिए। लीलाला में रिफाइनरी से समूचे जिले के लोगों को फायदा होगा। रिफाइनरी बचाओ संघर्ष समति के अध्यक्ष चेतनराम ने कहा कि रिफाइनरी हमारा हक है। लीलाला में प्रस्तावित होने के बाद जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। सरकारी स्तर पर वार्ता किए बिना ही पचपदरा में शिफ्ट करने की कवायद शुरू की गई। जिससे किसानों का गुस्सा लाजमी है। इस मुद्दे पर फैसला किया जाए।

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