बिना काम किए ही उठा लिए 62 लाख!
जैसलमेर। शहरी विकास को लेकर कागजो मे सड़क बनाने से लेकर नाली व फर्श निर्माण का कार्य हो गया और भुगतान भी उठा लिया, वह भी करीब 62 लाख। हकीकत मे मौके पर कोई कार्य ही नहीं हुए। इस संबंध मे शिकायत सामने आते ही नगरपरिषद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी, जिसमे घोर अनियमितताए व फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मामला जैसलमेर नगर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य का है। हकीकत मे यहां कोई कार्य ही देखने को नहीं मिल रहा, जबकि इसकी एवज मे 62 लाख रूपए का भुगतान भी हो गया।
इस संबंध मे शिकायत सामने आने पर नगरपरिषद प्रशासन हरकत मे आ गया है। नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी की ओर से इस संबंध मे करवाई जा रही जांच मे फर्जीवाड़ा व अनियमितताओं के साथ भ्रष्टाचार होने का अंदेशा बना हुआ है। यह मामला तब सामने आया, जब जैसलमेर के भीतरी क्षेत्र के वार्डो में नाली और फर्श की मरम्मत व निर्माण संबंधी कार्य लंबे समय से नहीं हो रहे थे, लेकिन वार्ड नंबर 30 मे नाली-फर्श और सड़क निर्माण कार्यो पर लाखों की राशि खर्च होने की जानकारी आ रही थी।
यूं हुआ गड़बड़झाला
जैसलमेर के वार्ड नंबर 30 के गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली और फर्श निर्माण कार्य और बाड़मेर तिराहा से एयरफोर्स चौराहे से एसबीबीजे सड़क मार्ग तक सड़क पर 20 एमएम का कारपेट बिछाने का कार्य स्वीकृत किए गए थे। उक्त कार्यो को पूरा कराने के लिए इस वर्ष की शुरूआत में कार्यादेश जारी किया गया। बाद में अप्रेल माह तक नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कार्य पूर्ण करवाने के लिए संबंधित ठेकेदार को ताकीद की जाती रही। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद गत 26 जून को ठेकेदार के दोनों कार्यो को पूर्णता का प्रमाण पत्र पेश कर दिया। अगले ही दिन 27 जून को नगरपरिषद की ओर से उसे भुगतान भी कर दिया गया।
जांच मे मिली अनियमितताएं
उक्त कार्यो मे फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत सामने आने पर नगरपरिषद आयुक्त माहेश्वरी ने इसकी जांच नगरपरिषद के एक अभियंता को सौंप दी है। जांच में उक्त कार्यो में अनियमितताएं किए जाने की बात सामने आई है।
इन्होने कहा
शिकायत मिलने पर जांच अधिकारी को जांच सौंप दी गई है। मामले की जांच चल रही है। फर्जीवाड़ा या अनियमितता की पुष्टि होने पर नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। जांच अधिकारी की ओर से पेश की जाने वाली रिपोर्ट के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
-आरके माहेश्वरी, आयुक्त, नगरपरिषद, जैसलमेर
जैसलमेर। शहरी विकास को लेकर कागजो मे सड़क बनाने से लेकर नाली व फर्श निर्माण का कार्य हो गया और भुगतान भी उठा लिया, वह भी करीब 62 लाख। हकीकत मे मौके पर कोई कार्य ही नहीं हुए। इस संबंध मे शिकायत सामने आते ही नगरपरिषद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी, जिसमे घोर अनियमितताए व फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मामला जैसलमेर नगर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य का है। हकीकत मे यहां कोई कार्य ही देखने को नहीं मिल रहा, जबकि इसकी एवज मे 62 लाख रूपए का भुगतान भी हो गया।
इस संबंध मे शिकायत सामने आने पर नगरपरिषद प्रशासन हरकत मे आ गया है। नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी की ओर से इस संबंध मे करवाई जा रही जांच मे फर्जीवाड़ा व अनियमितताओं के साथ भ्रष्टाचार होने का अंदेशा बना हुआ है। यह मामला तब सामने आया, जब जैसलमेर के भीतरी क्षेत्र के वार्डो में नाली और फर्श की मरम्मत व निर्माण संबंधी कार्य लंबे समय से नहीं हो रहे थे, लेकिन वार्ड नंबर 30 मे नाली-फर्श और सड़क निर्माण कार्यो पर लाखों की राशि खर्च होने की जानकारी आ रही थी।
यूं हुआ गड़बड़झाला
जैसलमेर के वार्ड नंबर 30 के गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली और फर्श निर्माण कार्य और बाड़मेर तिराहा से एयरफोर्स चौराहे से एसबीबीजे सड़क मार्ग तक सड़क पर 20 एमएम का कारपेट बिछाने का कार्य स्वीकृत किए गए थे। उक्त कार्यो को पूरा कराने के लिए इस वर्ष की शुरूआत में कार्यादेश जारी किया गया। बाद में अप्रेल माह तक नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कार्य पूर्ण करवाने के लिए संबंधित ठेकेदार को ताकीद की जाती रही। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद गत 26 जून को ठेकेदार के दोनों कार्यो को पूर्णता का प्रमाण पत्र पेश कर दिया। अगले ही दिन 27 जून को नगरपरिषद की ओर से उसे भुगतान भी कर दिया गया।
जांच मे मिली अनियमितताएं
उक्त कार्यो मे फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत सामने आने पर नगरपरिषद आयुक्त माहेश्वरी ने इसकी जांच नगरपरिषद के एक अभियंता को सौंप दी है। जांच में उक्त कार्यो में अनियमितताएं किए जाने की बात सामने आई है।
इन्होने कहा
शिकायत मिलने पर जांच अधिकारी को जांच सौंप दी गई है। मामले की जांच चल रही है। फर्जीवाड़ा या अनियमितता की पुष्टि होने पर नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। जांच अधिकारी की ओर से पेश की जाने वाली रिपोर्ट के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
-आरके माहेश्वरी, आयुक्त, नगरपरिषद, जैसलमेर
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