चिर यौवन की चाहत और हमेशा जवान दिखने की ख्वाहिश किसे नहीं होती। बहुत से लोग इसके लिए हर साल लाखों रुपये क्रीम-पाउडर और फेशियल से लेकर अपनी सर्जरी तक करा डालते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला। ब्रिटेन के डा.डेविड वीक्स ने चिर यौवन के राज पर रिसर्च की। रिसर्च के मुताबिक अगर रोजाना सेक्स किया जाए तो महिला व पुरुष दोनों ही पांच से सात साल छोटे दिखेंगे। सहवास की वजह से शरीर से वह हार्मोन निकल जाते हैं जो शरीर को उम्रदराज बनाते हैं।
58 वर्ष के डा.डेविड ने दस साल तक इस रिसर्च में विभिन्न आयुवर्ग के हजारों पुरुष व महिलाओं पर अध्ययन किया। इनमें 40 ये 50 वर्ष के लोग ज्यादा जवान दिखे। उनका कहना था कि वह हफ्ते में तीन बार शारीरिक संबंध बनाते हैं। डा.डेविड का कहना है कि संबंधों से मिला आनंद युवावस्था को बचाए रखने में एक बड़ा कारक है। मई में ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसायटी में लेक्चर के दौरान डा.डेविड ने इस रिसर्च के बारे में तफसील से बयान किया।
उन्होनें बताया कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भावनाओं का आवेग बताता है कि संबंध बनाने वालों की सेहत अच्छी है या खराब। वह युवा हैं या बुजुर्ग हो चले हैं। 1997 में दिल की बीमारियों पर हुई एक रिसर्च में पाया गया कि उन लोगों में मृत्यु की संभावना पचास फीसद कम पाई गई, जिनका शारीरिक संबंधों के दौरान भावनाओं का आवेग उच्चतम स्तर पर रहता है। वह हफ्ते में दो या उससे ज्यादा बार शारीरिक संबंध बनाते हैं। वहीं उन लोगों में मृत्यु की संभावना तुलनात्मक रूप से ज्यादा पाई गई, जो ऐसा नहीं कर पाते हैं या नहीं करते हैं।
58 वर्ष के डा.डेविड ने दस साल तक इस रिसर्च में विभिन्न आयुवर्ग के हजारों पुरुष व महिलाओं पर अध्ययन किया। इनमें 40 ये 50 वर्ष के लोग ज्यादा जवान दिखे। उनका कहना था कि वह हफ्ते में तीन बार शारीरिक संबंध बनाते हैं। डा.डेविड का कहना है कि संबंधों से मिला आनंद युवावस्था को बचाए रखने में एक बड़ा कारक है। मई में ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसायटी में लेक्चर के दौरान डा.डेविड ने इस रिसर्च के बारे में तफसील से बयान किया।
उन्होनें बताया कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भावनाओं का आवेग बताता है कि संबंध बनाने वालों की सेहत अच्छी है या खराब। वह युवा हैं या बुजुर्ग हो चले हैं। 1997 में दिल की बीमारियों पर हुई एक रिसर्च में पाया गया कि उन लोगों में मृत्यु की संभावना पचास फीसद कम पाई गई, जिनका शारीरिक संबंधों के दौरान भावनाओं का आवेग उच्चतम स्तर पर रहता है। वह हफ्ते में दो या उससे ज्यादा बार शारीरिक संबंध बनाते हैं। वहीं उन लोगों में मृत्यु की संभावना तुलनात्मक रूप से ज्यादा पाई गई, जो ऐसा नहीं कर पाते हैं या नहीं करते हैं।
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