बुधवार, 5 जून 2013
रिफाइनरी परियोजना स्थल में बदलाव किए जाने से इसमें देरी की संभावना
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) लिलाला में प्रस्तावित अपनी रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन कॉम्प्लेक्स को बाड़मेर ले जाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने बताया कि भूमि अधिग्रहण से संबंधित अड़चनों की वजह से रिफाइनरी को बाड़मेर स्थानांतरित किए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है जिसकी प्रस्तावित लागत 37,229 करोड़ रुपये है।
एचपीसीएल के वित्तीय निदेशक के वी राव ने कहा, 'हम जमीन अधिग्रहण से संबंधित मसलों का सामना कर रहे हैं। अब राज्य सरकार ने पास ही में हमें नया विकल्प दिया है और हम सरकार की इस सलाह पर विचार कर रहे हैं।Ó राज्य सरकार और एचपीसीएल के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र की शर्तों के मुताबिक इस परियोजना में राजस्थान सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। एचपीसीएल के एक वरिष्ठï अधिकारी के मुताबिक नई परियोजना स्थल लिलाला से 40 किलोमीटर से अधिक दूरी पर होगी। पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में कंपनी से आगामी 90 लाख टन की परियोजना के संबंध में जन सुनवाई का आयोजन करने के लिए कहा है और साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट (ईआए) को जल्द पेश करने के लिए कहा है। प्रस्तावित परियोजना के लिए 3700 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
पेट्रोलियम उत्पाद बाजार में एचपीसीएल की करीब 20 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है और देश की कुल रिफाइनिंग क्षमता में कंपनी की करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी है। मेंगलुरु रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) में कंपनी की 16.95 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी है जिसकी क्षमता 90 लाख टन सालाना है। इसके साथ ही पंजाब में गुरु गोविंद सिंह रिफाइनरी में कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी है जिसकी क्षमता 90 लाख टन सालाना है।
पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने इससे पहले कहा था कि राजस्थान परियोजना को पूरा होने में कम से कम चार सालों का समय लगेगा और यह 2016-17 से ही चालू हो पाएगा। हालांकि अब परियोजना स्थल में बदलाव किए जाने से इसमें देरी की संभावना बढ़ गई है। यह रिफाइनरी देश की पहली वैसी रिफाइनरी होगी जहां पर देसी कच्चे तेल से पेट्रोरसायन उत्पादों का निर्माण किया जाएगा।
ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी)ने इस क्षेत्र में पहली ऐसी रिफाइनी को बनाने की योजना सामने रखी थी लेकिन बाद में इस परियोजना को एचपीसीएल के हवाले कर दिया गया। बाड़मेर के केयर्न तेल ब्लॉक में ओएनजीसी की हिस्सेदारी है। पचपरदा केयर्न इंडिया के उत्पादन स्थल से करीब 15 किलोमीटर दूर है और केयर्न इंडिया ने हाल ही में राजस्थान ब्लॉक में नए तेल क्षेत्र की खोज की है।
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