रविवार, 2 जून 2013

पुनर्विवाह के लिए माहेश्वरी समाज की अनूठी पहल

जोधपुर. माहेश्वरी समाज की तलाकशुदा महिलाओं, विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए समाज की ओर से देश भर में पहली बार परिचय सम्मेलन जोधपुर में 9 जून को आयोजित किया जाएगा। समाज की परिवार परिवेदना समिति (केंद्रीय), कैंप जोधपुर ने इस आयोजन को ‘नवभोर’ नाम दिया है। कार्यक्रम में समाज के ही तलाकशुदा पुरुषों व विधुरों को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि किसी भी रूप से अपने जीवनसाथी से बिछुड़ चुकीं महिलाओं के वैवाहिक जीवन की दुबारा शुरुआत के लिए नए रिश्ते की संभावना तलाशी जा सके। इस परिचय सम्मेलन के लिए अब तक देश भर से करीब दो सौ महिलाओं व पुरुषों के बायोडाटा प्राप्त हुए हैं। इनमें करीब पचास फीसदी महिलाएं हैं।

परिवार परिवेदना समिति की परिकल्पना से साकार होगा कार्यक्रम
इस कार्यक्रम की परिकल्पना माहेश्वरी समाज की परिवार परिवेदना समिति (केंद्रीय), कैंप जोधपुर ने की थी। समिति के संयोजक साहित्यकार हरिप्रकाश राठी बताते हैं कि समिति की स्थापना वर्ष 2007 में की गई थी। इसका उद्देश्य यह था कि जो पति-पत्नी आपसी मनमुटाव के कारण बिना तलाक लिए अलग रह रहे हैं, उन्हें समझाइश से पुन: परिवार के रूप में स्थापित करना। ऐसे दंपतियों की काउंसलिंग के दौरान समिति को अनुभव हुआ कि कुछ मामलों में ऐसा संभव नहीं है।

ऐसे में सोचा गया कि क्यों नहीं उनके बीच सुगमता से तलाक करवा कर उनके दुबारा वैवाहिक जीवन की शुरुआत की जाए। ऐसे मामलों में ज्यादातर महिलाओं के परिजन आगे नहीं आते, इसलिए अब समाज के स्तर पर पहल की गई है और विधवाओं के पुनर्वास के लिए भी सोचा गया है।

कार्यक्रम के तहत कानूनी पक्षों पर भी होगी चर्चा
‘नवभोर’ की संयोजक डॉ.सूरज माहेश्वरी ने बताया कि नौ जून को परिचय सम्मेलन के तहत परित्यक्ताओं व विधवाओं के संबंध में कानूनी पक्षों पर भी चर्चा होगी। इसमें मधु समदानी विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से बताएंगी। साथ ही डॉ.फूलकौर मूंदड़ा पूर्व के प्रायोगिक अनुभवों और योजना को और प्रभावी बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताएंगी। कार्यक्रम में उद्यमी व समाजसेवी ओमप्रकाश फोफलिया, पश्चिमी क्षेत्र माहेश्वरी समाज जोधपुर के अध्यक्ष ओमप्रकाश लाहोटी, समाजसेवी ओमप्रकाश भूतड़ा आदि सहयोग कर रहे हैं।

डॉक्टर दंपती ने उठाया बीड़ा, परित्यक्ताओं को भी नई राह

‘नवभोर’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जिन महिलाओं ने बायोडाटा भेजे हैं, उनमें ज्यादातर तलाकशुदा हैं और उनकी उम्र 30-40 वर्ष है। नवभोर कार्यक्रम की जिम्मेदारी समाज के ही एक डॉक्टर दंपती ने अपने हाथ में ली है। इसकी मुख्य संयोजक डॉ.सूरज माहेश्वरी डेंटिस्ट हैं, जबकि उनका सहयोग कर रहे उनके पति डॉ.भरत माहेश्वरी एनेस्थेटिक हैं।

डॉ.सूरज और डॉ.भरत का कहना है कि विवाहिता के छोटी उम्र में ही किसी भी रूप में अकेले रह जाने से उसके जीवन की राह कठिन हो जाती है। खास तौर से यदि उसके साथ बच्चे हों। शिक्षा के प्रचार-प्रसार के बावजूद समाज का ढांचा ही इस तरह का है कि परित्यक्ता या विधवा आसानी से जीवनयापन नहीं कर सकती। नवभोर कार्यक्रम के माध्यम से एक कोशिश की जा रही है कि ऐसी महिलाओं के जीवन में एक नई सुबह हो सके।

काउंसलिंग के बाद 500 दंपती फिर से साथ रहने लगे
परिवार परिवेदना समिति की शुरुआत सबसे पहले जोधपुर में ही हुई। पहले ही वर्ष 50 केस सामने आए, जिनमें से 40 दंपती समझाइश के बाद पुन: साथ रहने लगे। इसके बाद इस कार्यक्रम को देश भर में लागू किया गया। अब विभिन्न राज्यों में माहेश्वरी समाज के करीब 50 प्रकोष्ठ चल रहे हैं जिनके जरिए पिछले पांच साल में करीब 500 दंपतियों को पुन: साथ रहने के लिए प्रेरित किया गया।


अन्य समाज के लिए भी बनाई वेबसाइट
यह समस्या कमोबेश माहेश्वरी सहित हर समाज में फैल चुकी है। अन्य समाज भी इसके समाधान के लिए आगे कदम बढ़ा सकें, इसके लिए उनकी समिति ने अपने प्रायोगिक अनुभवों को पिरोते हुए communitywelfare.net नामक वेबसाइट तैयार की है। इस वेबसाइट से मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

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