रविवार, 2 जून 2013

गंदगी का बहाना चाहिए चीन में, कहीं कला तो कहीं अवेयरनेस के नाम पर!!!

कला और अवेयरनेस के नाम पर चीन में बेहूदगी की हदें पार होती हैं, ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पिछले दिनों हमने आपको बताया था कि वहां सेक्स रोगों के प्रति अवेयरनेस के लिए अनोखी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें युवाओं को मास्टरवेट यानी हस्तमैथुन करने के लिए प्रेरित किया जाता है और जो ज्यादा देर तक मास्टरवेट करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।

यही नहीं कलाकार कला के नाम पर कहीं न्यूड तस्वीरें खिंचवा रहे हैं, तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी उन्हें प्रसारित करने में पीछे नहीं हैं। इस तरह की तमाच चीजों ने वहां भी उन लोगों को परेशानी में डाल रखा है, जो इन चीजों से अपने परिवार और बच्चों को बचाकर एक स्वस्थ वातावरण देने की चाहत रखते हैं और समय-समय पर इन चीजों का विरोध भी करते हैं वे।


ऐसा टीवी शो जिसने मचाया था हल्ला
चीन के एक टीवी शो ने भी विवाद का रूप लिया था, जब न्यूडीडिटी की सीमाओं को लांघकर एक टीवी शो का निर्माण हुआ और उसकी क्ल्पि ऑनलॉइन लीक हो गईं, जिसमें शो में आए तमाशबीनों और एक महिला के बीच न्यूडीडिटी को लेकर वाद-विवाद भी हो गया था। इस शो का कंटेट वल्गर था और प्रसारण अधिकारियों को नौरकरी से संस्पैंड भी किया गया था।


इसी साल चीन में एक लडक़ी और लडक़े ने पूरी तरह से नंगे होकर आम रास्ते पर लोगों को हैरत में डाल दिया और वे भीड़ भरे इलाके में 2 घंटे तक यह नंगा खेल खेलते रहे और एक दूसरे को बगैर कपड़ों में किस करते रहे।इस कपल को इनके माता-पिता ने एक साथ दिखने से मना किया था, तो इन्होंने ऐसी हद पार कर दी। यह कारनामा पिछले दिनों गुएंगडोंग प्रोविंसी में हुआ था। ये अपने प्यार की ताकत और एक दूसरे से लगाव को दुनिया के सामने रखने के लिए इस तरह से पेश हुए।

गंदगी का बहाना चाहिए चीन में, कहीं कला तो कहीं अवेयरनेस के नाम पर!!!

आम रास्ते पर बेहूदा स्टैच्यू
जहां आम रास्ता हो और बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग हर उम्र के लोग आते जाते हैं उस रास्ते पर यदि आपको बैंच पर बैठे दो स्कूली बच्चे एक दूसरे को किस करते हुए मिल जाएं स्टैच्यू के तौर पर तो आप इसे कलात्मक गंदगी ही कहेंगे न। चीन में एक ऐसा ही स्टैच्यू जिसे रियलिस्टिक स्कल्पचर का नाम दिया गया है, वह झेंगझोऊ के बिहू ईकोलॉजिकल पार्क में लगाया गया है। लेकिन यह सभ्य लोगों की नजर में खटक रहा है और यह स्वभाविक है। यही नहीं कई अभिभावकों ने इसकी शिकायत की है और कहा है कि उनके बच्चों पर इसका गलत असर पड़ रहा है। लेकिन आर्टिस्ट लियु क्यिूइंग का कहना है कि यह तो एक कलात्मक अभिव्यक्ति है इसमें आखिर बुराई क्या है?

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