सोमवार, 3 जून 2013

गुजरात की ‘बदनाम बस्ती’ : यहां से गुजरने से भी डरते हैं शरीफ लोग

राजकोट। गुजरात के रंगीले शहर राजकोट के पास स्थित है भावनगर रोड। शायद बहुत से लोगों को इस रोड के पास एक ऐसा इलाका है, जिसे ‘बदनाम गली’ के नाम से पहचाना जाता है। राजकोट शहर के लोग इसे ‘बदनाम गली’ कहकर ही पुकारते हैं। इस इलाके में बेधड़क वेश्यालय चलते हैं। अगर कोई नया एसपी या कमिश्नर यहां आ जाए या पुलिस का दबाव बढ़ जाए तो वेश्याओं की हलचल कम हो जाती है, लेकिन कुछ ही समय के लिए। इसके बाद फिर से सबकुछ पहले जैसा ही हो जाता है और लड़कियां राहगीरों को इशारे कर अपने पास बुलाती हुई नजर आने लगती हैं।

अभी कुछ समय पहले तक शहरवासियों द्वारा प्रशासन पर बनाए गए दबाव के चलते हालात कुछ सुधरे हुए नजर आ रहे थे, लेकिन अब जिस्मफरोशी का यह धंधा फिर से एक्टिव हो गया है।जिस्मफरोशी के बढ़ते कारोबार को रोकने के लिए फिर से प्रशासन पर दबाव बनाया गया। इसी के चलते बीते दिन इलाके से तीन लड़कियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये लड़कियां सरेआम राह चलते युवकों को अश्लील इशारे कर अपनी ओर आकषिर्त कर रही थीं। इसी बीच पुलिस को किसी ने इनके बारे में सूचना दे दी और ये पुलिस के हत्थे चढ़ गईं।पुलिस पूछताछ में लड़कियों ने अपने नाम सविता फिरोज शेख, पायल खान और छाया दास बताए। पुलिस ने समझाइश देकर इन्हें छोड़ दिया। लेकिन प्रोस्टिट्यूशन की यह समस्या खत्म होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। पैसे कमाने के लिए दलाल हर जगह मौजूद रहते हैं। ग्राहकों में अधिक संख्या घर से दूर हॉस्टल में रह रहे युवाओं की ही होती है।उल्लेखनीय है कि राजकोट के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सुधीर कुमार सिन्हा ने इस इलाके में सघन अभियान चलवाया था, जिसके कारण प्रोस्टिट्यूशन के इस धंधे पर रोक लग गई थी। लेकिन पुलिस की नजर हटते ही दलाल व सेक्स वर्कर्स फिर से एक्टिव हो गए। जिस्मफरोशी का धंधा इस इलाके में पिछले दो सालों से बेधड़क जारी है।हाल ही में यह समस्या इतनी व्यापक हो गई है कि शहरवासियों को ओर से पुलिस थाने में धड़ाधड़ इसकी शिकायतें आ रही हैं। इसकी वजह से पुलिस फिर से इलाके में अपना शिकंजा कसने की कोशिशों में लगी हुई है। अभी भी यह कहना मुश्किल है कि इलाके से जिस्मफरोशी का धंधा पूरी तरह से खत्म हो पाएगा और इसे नई पहचान मिल पाएगी।

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