बुधवार, 1 मई 2013

एससी ने मौत की सजा उम्रकैद में बदली

एससी ने मौत की सजा उम्रकैद में बदली

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा पाए एक दोषी की सजा उम्रकैद में बदल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय इस आधार पर लिया कि राष्ट्रपति कार्यालय ने उसकी दया याचिका रद्द करने में काफी देरी की।


सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उसके द्वारा हाल ही दी गई महत्वपूर्ण व्यवस्था के विपरीत है। शीर्ष कोर्ट ने फैसला दिया था कि एक दया याचिका पर फैसला लेने में देरी मृत्युदंड को उम्रकैद में बदलने का आधार नहीं हो सकती।


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जो फैसला दिया वह एमएन दास के मामले का है। दास को सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में हत्या का दोषी पाया था। उसकी दया याचिका सालों बाद 2011 में खारिज की गई। उसके वकीलों ने "देरी मौत से भी बुरी है" का तर्क रखा।


11 अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजिज ने देवेंदर पाल सिंह भुल्लर के मामले में यह तर्क खारिज कर दिया था। भुल्लर को दिल्ली में 1993 में एक बम विस्फोट के मामले में दोषी पाया गया था। इस फैसले का असर मौत की सजा पाए 15 कैदियों के मामले पर पड़ सकता है।

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