बंसल के मंत्री पद पर संकट की आहट
नई दिल्ली। 90 लाख के घूसखोरी कांड में संलिप्त भांजे विजय सिंगला की करतूतने "मामा" रेलमंत्री पवन कुमार बंसल की मुश्किल बढ़ा दी है। बंसल पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। हालांकि,शनिवार को बंसल की प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात और देर शाम हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद ये बात साफ हो गई कि सरकार फिलहाल इस्तीफे की बात को नजरंदाज करेगी। कर्नाटक में मतदान को देखते हुए पार्टी इस मामले में रविवार शाम तक कोई निर्णय ले सकती है।
सूत्रों के मुताबिक,सोनिया गांधी की मौजूदगी में करीब दो घंटे तक चली बैठक में ये तय हुआ कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और सीधे-सीधे बंसल का नाम घूसकांड में नहीं आ जाता, तब तक उनका इस्तीफा लिया जाना उचित नहीं है। उधर, कांग्रेस में बंसल के इस्तीफे को लेकर एक राय नहीं है। आधिकारिक रूप से पार्टी ने उनके इस्तीफे की मांग को भले ही खारिज कर दिया है। लेकिन कुछ नेताओं का मानना है कि बंसल को फिलहाल इस्तीफा दे देना चाहिए और जांच में बेदाग साबित होने पर उन्हें फिर से मंत्री पद दे दिया जाए।
इस्तीफा क्यों नहीं?
इधर,घूसकांड में बंसल को घेरते हुए भाजपा ने सरकार से पूछा कि रेलमंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं लिया जाए? भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि रेलवे बोर्ड में किसी सदस्य की नियुक्ति और उसके प्रमोशन पर अंतिम मुहर रेलमंत्री लगाते हैं। ऊपर से मामले में सीधे तौर पर शामिल बंसल के भांजे सीबीआई गिरफ्त में हैं। इतने तथ्य स्पष्ट हैं तो फिर बंसल से इस्तीफा क्यों नहीं लिया जा रहा?
शरद यादव ने किया बंसल का बचाव
इस बीच, जदयू अध्यक्ष और राजग संयोजक शरद यादव ने नाटकीय मोड़ दिखाते हुए रेल मंत्री पवन कुमार बंसल का बचाव किया है। यादव ने कहा कि रिश्वत रेल मंत्री के भांजे ने लिया है, रेल मंत्री ने नहीं। मामले की सीबीआई जांच कर रही है। मैं बंसलजी को जानता हूं। वे ईमानदार व्यक्ति हैं और उनके इस्तीफे की मांग करना बेतुका है।
मेरा लेना-देना नहीं: बंसल
उधर,मुद्दे पर शुक्रवार रात तक चुप्पी साधे रहे बंसल ने शनिवार को सुबह सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि मेरा मामले से कोई लेना-देना नहीं है। कोई रिश्तेदार मेरे कामकाज में दखल नहीं दे सकता और न ही मेरे फैसलों को प्रभावित कर सकता है। वहीं, जद-यू अध्यक्ष शरद यादव बंसल के बचाव में आए हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि रिश्वत रेलमंत्री के भांजे ने ली है, रेल मंत्री ने नहीं। मैं बंसल को जानता हूं। वे ईमानदार हैं। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि बंसल इस्तीफा नहीं देंगे।
दो करोड़ पहले ही लिए
इस बीच, शनिवार को सीबीआई ने मामले से जुड़ी रिपोर्ट दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की। जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि सिंगला डील के 2 करोड़ रूपए पहले ही मुकेश से ले चुके हैं।
भांजे की...
प्रमोशन कराने के लिए मुकेश और सिंगला में पांच करोड़ की डील हुई थी। 90 लाख की रकम उसी डील का हिस्सा है। कोर्ट ने सिंघला समेत चार अन्य को चार दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया। मामले में जांच एजेंसी ने छह लोगों को गिरफ्तार और आठ पर केस दर्ज किया है।
ये है मामला
शुक्रवार को सीबीआई ने सिंगला को चंडीगढ़ स्थित उनके घर से 90 लाख की घूस लेते गिरफ्तार किया था। ये घूस उन्हें रेलवे बोर्ड में सदस्य बने मुकेश कुमार ने प्रमोशन कराने के लिए भेजी थी। मुकेश इलेक्ट्रिक बोर्ड में नियुक्ति चाहते थे,जिसके लिए उन्होंने सिंगला से पांच करोड़ रू. रिश्वत देने की डील की थी।
सीबीआई कर सकती है पूछताछ
माना जा रहा है कि इस मामले में सीधे तौर पर यदि रेल मंत्रालय की संलिप्तता सामने आती है,तो सीबीआई रेल मंत्री बंसल से पूछताछ कर सकती है। हालांकि मामले में बंसल का नाम अब तक नहीं आया है। सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों की दिल्ली की एक स्थानीय अदालत से पुलिस रिमांड और मुम्बई की एक विशेष अदालत से महेश कुमार की ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद अपनी सूचना रिपोर्ट रेल मंत्रालय को देर शाम भेजी जिसके बाद मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के सदस्य (स्टाफ) महेश कुमार को सस्पेंड कर दिया।
मामा-भांजे की जोड़ी - बंसल का विश्वस्त है सिंगला
सिंगला पेशे से बिजनेसमैन हैं और उनका रेलवे बोर्ड से कोई लेना-देना नहीं है। बावजूद इसके वे बोर्ड में मुकेश का प्रमोशन कराना चाहते थे। सिंगला बंसल की बहन के बेटे हैं और उनके बेहद विश्वस्त माने जाते हैं। वे ही चंडीगढ़ से सांसद बंसल का सारा कामकाज संभालते हैं। सिंगला ने हाल ही में आवासीय योजना के लिए डेरा बासी में 100 एकड़ जमीन खरीदी है।
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