भारतीय छात्र ने जीता पुरस्कार
न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के एक अमेरिकी छात्र ने अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता में बदलाव और उत्कृष्ट शिक्षण के पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें एक वार्षिक समारोह में एक कंपनी की सह-संस्थापना के लिए यह पुरस्कार दिया गया। कंपनी ऎसा उपकरण बनाती है जो कि पानी में बैक्टिीरिया का पता लगा सकती है।
समाचार पत्र "कॉलेज टाइम्स" में शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एरिजोना विश्वविद्यालय (एएसयू) के छात्र निसर्ग पटेल को "हाइड्रोजीन बॉयोटेक्नोलॉजीस" कंपनी की सह-संस्थापना के लिए वार्षिक "पिचफॉर्क-अवाड्र्स" समारोह में सम्मानित किया गया। पटेल के मुताबिक उनका समूह "बॉयोसेंसर्स" बनाता है जो पानी में बैक्टिीरिया का पता लगा सकता है।
समाचार पत्र के अनुसार,""उन्होंने चीनी के क्यूब की शक्ल में उसका निर्माण किया है जो पानी में घुल जाता है। इसके बाद पानी में अगर बैक्टीरिया है तो उसे प्रोटीन घेर लेती है। ऎसे में पानी का रंग लाला हो जाता है,जो इस बात की चेतावनी है कि पानी को न पिया जाए।"" इस प्रौद्योगिकी का विचार तब आया जब पटेल के साथ प्रयोगशाला में काम करने वाले एक मित्र ग्वाटेमाला गए और उन्होंने देखा कि बच्चे ऎसा पानी पी लेते हैं जो बस दिखने में साफ लगे।
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