मंगलवार, 7 मई 2013

पति को सात साल कारावास

पति को सात साल कारावास
श्रीगंगानगर। शादी के महज दो माह बाद ही नवविवाहिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी को अदालत ने सात साल कारावास व दो हजार रूपए जुर्माने से दंडित किया है। आरोपित जेठ को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। यह निर्णय शुक्रवार को विशेष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण) धर्मदत्त शर्मा ने सुनाया।

विशेष लोक अभियोजक परमजीत कौर गुजराल ने बताया कि अबोहर निवासी रेखा की शादी 25 मार्च 2012 को श्रीबिजयनगर तहसील के जैतसर क्षेत्र के गांव बुगिया निवासी राजेन्द्र कुमार ओड राजपूत के साथ हुई थी। शादी के बाद रेखा के ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग को लेकर प्रताडित करने लगे।

शादी के करीब दो महीने बाद 23 मई 2012 को रेखा अपने घर में फंदे पर झूलती हुई मिली। मृतका के पिता अबोहर निवासी शिवलाल की रिपोर्ट पर श्रीबिजयनगर पुलिस ने पति राजेन्द्र और जेठ राजकुमार के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया। अदालत ने इसे दहेज हत्या के बजाय आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण का मामला मानते हुए आरोपित पति राजेन्द्र कुमार ओड राजपूत को भादंसं की धारा 306 में सात साल कारावास व दो हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई जबकि आरोपित जेठ राजकुमार को अभियोजन पक्ष के ठोस साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया।

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